लाहौर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ही पाकिस्तान में धमकी मिली है। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय की बार ऐसोसिएशन और लाहौर उच्च न्यायालय की बार एसोसिएशन ने संयुक्त घोषणापत्र जारी कर दिया। इस दौरान बार एसोसिएशन के सदस्यों के माध्यम से कहा गया कि पनामा पेपर लीक मसले पर नवाज शरीफ को इस्तीफा देना होगा यदि 7 दिन में नवाज शरीफ अपना इस्तीफा नहीं देते हंै तो फिर देशभर में उनके विरूद्ध आंदोलन प्रारंभ कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि पनामा पेपर लीक मामले में नवाज शरीफ के पुत्रों हुसैन और हसने के ही साथ बेटी मरियम नवाज को लाभ पहुंचाने का आरोप है।
बताया जाता है कि उनकी लड़की और बेटों ने ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में चार कंपनियों की शुरूआत की। इन लोगों ने लंदन में करीब 6 बड़ी संपत्ती खरीदी। नवाज शरीफ के परिजन ने इन संपत्तियों को गिरवी रखा। इतना ही नहीं दूसरे दो अपार्टमेंट क्रय करने को लेकर बैंक आॅफ स्काॅटलैंड ने भी सहायता की। दूसरी ओर पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने कहा है कि पनामा पेपर लीक मामले में नवाज के खिलाफ चल रही जांच को लेकर कहा कि नवाज शरीफ द्वारा भारत में कारोबार को लेकर जो निवेश किया जा रहा है उसे लेकर जांच की जाना चाहिए।
उन पर जनता की कमाई को लूटने का आरोप लगाया गया। संगठन के सदस्य व नवाज शरीफ के समर्थक अभिभाषकों के बीच विवाद हो गया। दोनों ही बार एसोसिएशन द्वारा यह कहा गया कि पनामा पेपर लीक मामले में नवाज शरीफ को इस्तीफा देना चाहिए। समाचार एजेंसी ने जो जानकारी दी उसके अनुसार पनामा पेपर लीक मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। बार एसोसिएशन के सदस्यों का विवाद नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज से विवाद हो गया।
जिसके बाद इस तरह की बात सामने आई। विवाद इतना बढ़ गया था कि राशीद रिजवी को लाहौर उच्च न्यायालय की लाइब्रेरी में बंद कर दिया गया था। अभिभाषक आक्रोशित हो उठे थे। हालांकि लाॅयर्स विंग द्वारा कहा गया है कि नवाज शरीफ का इस्तीफा नहीं मांगा जा सकता है। यह मामला न्यायालय में है।
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