नई दिल्लीः यह लगभग जगजाहिर है कि पाकिस्तान में सेना वहीं की सबसे ताकतवर संस्था है। वहां सेना से अधिक ताकतवर कोई संस्था अथवा संगठन नहीं है। वहां की हर सरकार पर इसका प्रभाव दिखता है। पाक पीएम इमरान खान भी इससे अछूते नहीं हैं। पाकिस्तान के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ सैन्य प्रमुख के बैठक को ‘आर्थिक तख्तापलट’ कहा गया। इसके बाद आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की पाकिस्तान की राजनीति में रुचि बढ़ती जा रही है।
कल यानि मंगलवार को चीन दौरे पर पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीजिंग में चीन के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान बाजवा भी उनके साथ मौजूद थे। यह पहला मौका नहीं है जब बाजवा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ विदेश दौरे पर हैं। कुछ महीने पहले वह इमरान के साथ अमेरिका के दौरे पर गए थे। बीते कुछ दिनों में पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें छपी हैं कि जनरल बाजवा देश के मामलों में बड़ी भूमिका चाहते हैं। पाकिस्तानी आर्मी चीफ को हाल ही में तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाक पीएम इमरान ने बाजवा की मौजूदगी में चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग से मुलाकात की। माना जा रहा है कि वह इमरान की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि पाकिस्तान चीन को अपना सदाबहार दोस्त बताता रहता है। कश्मीर मुद्दे पर भी चीन ने पाकिस्तान का समर्थऩ किया था।
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