आज हम आपको बताने जा रहे हैं माघ मास का पाक्षिक-पंचांग. जी हाँ, इस बार माघ मॉस में 5 फरवरी से गुप्त नवरात्रि लग रही है वहीं 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा है. तो आइए जानते हैं आगे 'पाक्षिक-पंचांग' की शृंखला और माघ शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग.
माघ शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग -
संवत्सर- विरोधकृत
संवत्- 2075 शक संवत् :1940
माह-माघ
पक्ष- शुक्ल पक्ष (5 फरवरी से 19 फरवरी तक)
ऋतु: शिशिर-वसंत
रवि: उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 7 फरवरी, 10 फरवरी, 13 फरवरी, 17 फरवरी, 18 फरवरी, 19 फरवरी
अमृतसिद्धि योग- अनुपस्थित
द्विपुष्कर योग- 5 फरवरी
त्रिपुष्कर योग- 7 फरवरी
रविपुष्य योग- 17 फरवरी
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 16 फरवरी (जया एकादशी व्रत)
प्रदोष- 17 फरवरी भद्रा- 8 फरवरी (उदय)- 9 फरवरी (अस्त),
12 फरवरी (उदय-अस्त),
15 फरवरी (उदय)16 फरवरी (अस्त),
18 फरवरी (उदय)-19 फरवरी (अस्त)
पंचक: 5 फरवरी से प्रारंभ- 10 फरवरी को समाप्त
मूल- 9 फरवरी से प्रारंभ- 11 फरवरी को समाप्त
पूर्णिमा- 19 फरवरी (माघी पूर्णिमा)
ग्रहाचार: सूर्य- मकर (13 फरवरी से कुंभ राशि में), चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-मेष, बुध-कुंभ, गुरु-वृश्चिक, शुक्र-धनु, शनि-धनु, राहु-कर्क, केतु-मकर
व्रत/त्योहार: 5 फरवरी- गुप्त नवरात्रि (वासंती) प्रारंभ, 10 फरवरी- वसंत पंचमी, 12 फरवरी- नर्मदा जयंती, 13 फरवरी- भीष्माष्टमी, 17 फरवरी-गुरु गोरखनाथ जयंती, 19 फरवरी- माघी पूर्णिमा/गुरु रविदास जयंती
(विशेष-उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
पराई भाभी या देवर को आकर्षित करने के लिए इस रंग के कपड़े में लपेटकर रखे मोर पंख