देशद्रोह के मामले में पाकिस्तान की विशेष अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई है. जनरल अयूब खान, जनरल याह्या खान, जनरल जिया-उल-हक के बाद परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान पर शासन करने वाले चौथे सैन्य कमांडर हैं. कई बार चुनी हुई सरकारों का तख्तापलट करने वाली पाकिस्तानी फौज लगभग 43 साल तक सत्ता में रही. इस दौरान उसने अपनी कट्टरवादी सोच से पाकिस्तान को आतंकिस्तान देश बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
देशद्रोह के मामले में 'पाक' के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सजा-ए-मौत, विशेष अदालत ने दिया आदेश
अयूब खान : भारत से अलग होकर 1947 में पाकिस्तान बनाया गया था, लेकिन 11 साल बाद ही जनरल मुहम्मद अयूब खान ने सत्ता हथिया ली और 1958 में खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया. पूरे 11 साल तक अयूब खान ने राज किया. इस दौरान भारत के हाथों पाकिस्तान की करारी हार से अयूब खान की सत्ता पर पकड़ कमजोर होने लगी और 1969 में जनरल याह्या खान ने उन्हें हुकूमत से बेदखल करके पाकिस्तान की बागडोर अपने हाथों में ले ली.
दक्षिण सूडान में सम्मानित किए गए 850 भारतीय शांतिरक्षक, संयुक्त राष्ट्र ने पदक से नवाज़ा
याह्या खान : 25 मार्च, 1969 को राष्ट्रपति का पद संभालने वाले याह्या खान के जमाने में पूर्वी पाकिस्तान का बांग्लादेश के रूप में जन्म हुआ और 1971 में भारत के हाथों पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली. याह्या खान को पाकिस्तान की हार का प्रमुख कारण माना गया. 20 दिसंबर, 1971 को उन्होंने राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया. उनसे सभी सेवा सम्मान छीन लिए गए. 1979 तक वह हाउस अरेस्ट में रहे.
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस 2019: हर साल भारतीय प्रवासी भजते है 57 करोड़ रूपये
जिया-उल-हक : पाकिस्तान में याह्या खान के हटने के बाद एक बार फिर लोकशाही की बयार चली और जुल्फीकार अली भुट्टो चुनकर प्रधानमंत्री बने, लेकिन जिस जनरल जिया-उल-हक को उन्होंने आर्मी चीफ बनाया, उसी जिया-उल-हक ने 1978 में भुट्टो का तख्तापलट करके खुद ही पाकिस्तान की कमान संभाल ली. साल भर बाद जिआ-उल-हक ने भुट्टो को फांसी पर लटका दिया. उसके बाद 1988 में जिया-उल-हक की विमान दुर्घटना में मौत होने तक पाकिस्तान में फौजी हुकूमत रही.
पकिस्तान के पीएम ने पैसों के लिए लुप्त जीव का शिकार करने की दी अनुमति...
आज भारत और अमेरिका के मध्य होगी 2 + 2 की वार्ता, सुरक्षा संबंधों पर करार संभव
इस पहलवान ने हासिल की खास उपलब्धि, साल के बने सर्वश्रेष्ठ जूनियर फ्रीस्टाइल खिलाड़ी