इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की सांसों की डोर तब तक चलेगी जब तक दया याचिका दाखिल करने का उसका अधिकार खत्म नहीं हो जाता. वहीं प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत की दलीलों से निपटने के लिए शीर्ष अधिकारियों से इस्लामाबाद की रणनीति के बारे में चर्चा की. इस बारे में विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट द्वारा उसकी फांसी पर रोक का कोई फर्क नहीं पड़ता. जाधव तब तक जीवित रहेगा, जबतक दया याचिका दाखिल करने का उसका अधिकार खत्म नहीं हो जाता.
बताया जा रहा है कि बैठक में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (एनएससी) ने आईसीजे में आठ जून को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की तरफ से बचाव के विकल्पों और तैयारियों के बारे में चर्चा की. बैठक में आईसीजे में तदर्थ न्यायाधीश के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों के नाम पर भी चर्चा हुई, लेकिन किसी भी नाम पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई.
बता दें कि बैठक में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के अलावा रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान, योजना मंत्री अहसान इकबाल, प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नसीर खान जुनेजा सहित अन्य ने भी हिस्सा लिया. स्मरण रहे कि बलूचिस्तान और कराची में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य कोर्ट ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है, जिस पर आईसीजे ने 18 मई को रोक लगा दी है.
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