नई दिल्ली : पाकिस्तान भारत को लेकर कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुका है। हर बार पाकिस्तान द्वारा परमाणु बम फैंकने की धमकी भारत को दी जाती है लेकिन भारत के पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने इस बात को माना है कि पाकिस्तान द्वारा परमाणु बम के उपयोग का खतरा बढ़ गया है। दरअसल मेनन ने एक समाचार चैनल के एक कार्यक्रम में भागीदारी की। इस दौरान उनके द्वारा लिखी पुस्तक च्वाइसेज- इनसाईड द मेकिंग आॅफ इंडियाज फाॅरेन पाॅलिसी पर चर्चा भी हुई।
इस पुस्तक का विमोचन 2 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह द्वारा किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने पूछे गए सवालों के जवाब दिए। पाकिस्तान द्वारा परमाणु क्षमता संपन्न होने और भारत के खिलाफ इसके उपयोग की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के विरूद्ध छोटे परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है। दरअसल छोटे परमाणु हथियारों के उपयोग की जवाबदारी युद्धक्षेत्र में निचले क्रम के अधिकारियों को दी जाएगी।
इतना ही नहीं सेना में युवा अधिकारी नियुक्त रहेंगे इन अधिकारियों पर धार्मिकता का असर होगा। ये अधिकारी पेशेवर तौर पर अधिक प्रशिक्षित नहीं होंगे और ऐसे में इनमें प्रोफेशनल अभिप्रेरण की कमी होगी। पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उपजा आतंकवाद वहां के समाज और राजनीति दोनों में कायम है। पाकिस्तान का आतंकवाद पर नियंत्रण नहीं है और वह इसे नियंत्रित नहीं कर सकता है।
मेनन द्वारा कहा गया कि भारत की पाकिस्तान नीति को सदैव वास्तविका के आधार पर तौला नहीं जा सका है। उन्होंने मुंबई में हुए 26/11 बम धमाके को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे समय लश्कर - ए - तैयबा या फिर पाकिस्तान के अधिकार वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों या फिर आईएसआई के विरूद्ध मुंहतोड़ कार्रवाई करने के लिए कहा गया था।
उनका कहना था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व विदेश मेंत्री प्रणब मुखर्जी को उन्होंने कार्रवाई की सलाह दी थी ऐसे में विदेश मंत्री ने उनके निर्णय पर सहमति जताई थी लेकिन भारत ने इस समय कोई कार्रवाई नहीं की थी। उन्होंने उड़ी में पाकिस्तान के हमले पर भारत द्वारा की जाने वाली सर्जिकल स्ट्राईक को सही ठहराया और कहा कि यह एक अनिवार्य कदम था।