पाकिस्तानी सेना ने वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर बीते साल की तुलना में लगभग दोगुना 3,200 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. पिछले वर्ष गोलाबारी की लगभग 1,629 घटनाएं हुई थीं. सूत्रों के अनुसार, इस साल दिसंबर में ही अब तक 329 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ, जो पिछले साल के इसी महीने में दर्ज किए गए 175 मामलों से लगभग दोगुना है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम उल्लंघन बढ़ा दिया है. सूत्रों के अनुसार, अगस्त में 307, सितंबर में 292, अक्टूबर में 351 और नवंबर में 304 मामले सामने आए. इससे पहले जनवरी में 203 घटनाएं, फरवरी में 215, मार्च में 267, अप्रैल में 234 , मई में 22, जून में 181 और जुलाई में 296 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ.
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शुक्रवार को भारत-पाक सीमा पर नियंत्रण रेखा(एलओसी)के साथ लगते कुछ इलाकों में युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए.शुक्रवार सुबह पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पुंछ, नौशहरा, अखनूर और उत्तरी कश्मीर के टंगडार और केरन सेक्टर में भारी गोलाबारी की.भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की तो तंगधार के सामने एथमुकाम और सुंदरबनी के सामने वाले इलाके में तैनात पाकिस्तानी सैनिक अपनी दो चौकियां छोड़कर भाग खड़ेहुए. भारतीय सेना की कार्रवाई में चार से पांच पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जिनमें दो मेजर रैंक के अधिकारी शामिल हैं.
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