इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर बैन लगाने की भारत के प्रयासों के बीच पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर एक शर्त के साथ समर्थन देने की बात कही है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक रविवार को कहा है कि पाकिस्तान मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए तैयार है, किन्तु मसूद अजहर का संबंध पुलवामा आतंकी हमले से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
फैसल ने कहा है कि, "भारत को साक्ष्य देना चाहिए कि पुलवामा हमले में मसूद अजहर संलिप्त था. अगर ऐसा नहीं है तो फिर हम उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के मसले पर बातचीत कर सकते हैं. यह कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है. उन्होंने आगे कहा है कि पुलवामा आतंकी हमला बिल्कुल अलग मसला था और भारत जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है." विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की यह दलील फालतू है क्योंकि वर्तमान में पुलवामा आतंकी हमले के लिए ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति में मसूद अजहर पर प्रतिबन्ध के लिए विचार किया जा रहा है. इसलिए मसूद अजहर को पुलवामा हमले से अलग नहीं किया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि फैसल का बयान ऐसे समय में आया है जब यूके ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के संयुक्त राष्ट्र में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने की आशा जताई है. इसके साथ ही, यूके ने पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की थी. पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने स्वयं पुलवामा में हुए फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली थी. पिछले महीने चीन ने 'तकनीकी आधारों' का हवाला देते हुए मसूद अजहर पर बैन लगाने के प्रयासों पर पानी फेर दिया था. यह चौथी दफा था जब चीन ने मसूद अजहर के ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की राह में रोड़ा अटकाया था.
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