इस्लामबाद: पाक की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने आतंकी फंडिंग के दो मामलों में शनिवार को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के विरुद्ध अपने फैसले को 11 फरवरी 2020 तक के लिए टाल दिया जा चुका है. वहीं हाफिज ने खुद फैसला मुल्तवी करने की गुजारिश की गई थी. जंहा लाहौर की एंटी टेरेरिज्म कोर्ट यानी एटीसी के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने जमात-उद-दावा (Jamaat-ud-Dawah, JuD) प्रमुख के विरुद्ध आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के दो मामलों में पिछले हफ्ते फैसला सुरक्षित रख लिया गया.
जंहा यह भी कहा जा रहा हैं कि हाफिज सईद ने फैसला टालने के लिए एक नई तरकीब चली थी. वहीं उसने बीते शनिवार यानी 8 फरवरी 2020 को एटीसी अदालत के समक्ष एक आवेदन दिया जिसमें गुहार लगाई गई है कि उसके खिलाफ चल रहे आतंकी फंडिंग के सभी मामलों को क्लब कर दिया जाए और दोनों मामलों की संयुक्त सुनवाई के बाद ही फैसला सुनाया जाए. जंहा न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा (Arshad Hussain Bhutta) ने हाफिज के आवेदन को लेते हुए अगली तारीख दे दी. वहीं अधिकारियों ने बताया कि डिप्टी प्रोसिक्यूटर ने सईद की याचिका का विरोध किया और दलील दी कि उक्त दोनों ही मामलों में सुनवाई पूरी हो गई है ऐसे में कानूनन अदालत फैसला सुना सकती है. लेकिन अदालत ने अभियोजन एवं बचाव पक्ष को नोटिस जारी करते हुए सईद की ताजी याचिका पर दलीलों के लिए 11 तारीख दे दी. मामले में आतंकी हाफिज सईद को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच पेश किया जा चुका था.
वहीं इस बात का पता चला है कि आतंकी फंडिंग के उक्त दोनों ही मामले लाहौर और गुजरांवाला शहरों में पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधी विभाग द्वारा दर्ज किए गए थे. बता दें कि काउंटर टेरेरिज्म डिपार्टमेंट ने हाफिज और उसके साथियों के खिलाफ कुल 23 एफआइआर दर्ज की है. गत वर्ष 17 जुलाई को सईद को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है.
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