जैकोबाबाद: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जैकोबाबाद की एक कोर्ट ने हिंदू लड़की के चर्चित तथाकथित विवाह मामले में बेहद सख्त सुरक्षा के बीच मंगलवार को फैसला देते हुए कहा कि लड़की नाबालिग है और इस कारण वह शादी के लिए कानूनी रूप से योग्य नहीं है. कोर्ट के इस फैसले के बाद निकाह अमान्य हो गया है. किन्तु, लड़की को उसके माता-पिता के हवाले नहीं किया गया है, उसे एक बाल संरक्षण गृह पहुंचा दिया गया है.
पाकिस्तानी अखबार में इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा गया है कि इसके साथ ही कोर्ट ने लड़की से विवाह करने वाले अली रजा सोलंगी सहित उन सात लोगों पर पुलिस से चौबीस घंटे में मामला दर्ज करने के लिए कहा जिन्होंने इस विवाह को अंजाम दिलाने में अपनी भूमिका निभाई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जैकोबाबाद पुलिस ने बुधवार को इन सातों के विरुद्ध बाल विवाह कानून के तहत केस दर्ज कर लिया. इनमें सोलंगी, कथित निकाह को कराने वाला, दरगाह अमरोट शरीफ का प्रबंधक सैयद सिराज अहमद शाह भी शामिल हैं.
'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, जैकोबाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुलाम अली कंसारो ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि लड़की नाबालिग है. इसके बाद उसका विवाह रद्द हो गया. उसके परिवार की यही मांग थी कि विवाह को निरस्त किया जाए.
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