लखनऊ। उत्तरप्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख सैय्यद वसीम रिजवी ने श्री रामजन्मभूमि एवं बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में महत्वपूर्ण तथ्य सामने रखा है। उत्तरप्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख सैय्यद वसीम रिजवी ने कहा कि पाकिस्तान न केवल विवाद को बढ़ावा दे रहा है बल्कि वह कथित तौर पर यहाॅं भी फंडिग में लगा है। इस तरह से पाकिस्तान पर भारत की संप्रभुता और अखंडता पर वार करने का आरोप लगा है। रिजवी ने अपनी बात में कहा कि पाकिस्तान आग में घी डालने के लिए फंडिंग करने में लगा है। इस तरह से वह कोशिश में है कि हिंदू व मुसलमानों को परस्पर बरगलाया जाए।
मगर मुस्लिम इस मामले में सौहार्द के साथ अपनी बात कर रहे हैं तो हिंदू भी इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। इस मामले में जानकारी सामने आई है कि उत्तरप्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख सैय्यद वसीम रिजवी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पाकिस्तान द्वारा श्रीरामजन्मभूमि मंदिर व बाबरी मस्जिद विवाद को जन्म दिया। आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तान इस मामले में विवाद करना चाहता है। वह फंडिंग कर रहा है और इस मामले में वह मौलवियों को रकम दे रहा है जिससे हिंदू व मुस्लिमों के बीच तनाव फैले।
मिली जानकारी के अनुसार चेयरमैन सैय्यद वसीम रिजवी मुस्लिमों से विवादित जमीन से पीछे हटने की मांग दोहरा रहे थे। हालांकि पहले ही शिया वक्फ बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर किया। उक्त हलफनामे में शिया वक्फ द्वारा कहा गया कि अयोध्या में विवादित स्थल पर श्री राम मंदिर का निर्माण किया जाना है। बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि विवादित स्थल पर मंदिर व मस्जिद दोनों का निर्माण होता है।
दोनों ही समुदायों में संघर्ष की संभावना भी होगी। जिसके चलते इससे बचा जाना चाहिए। दरअसल घाटी के मुस्लिमों से मिलने हेतु वे कश्मीर पहुॅंच रहे हैं। रिजवी ने कहा कि वे मस्जिद को लेकर आम राय निर्मित करने का प्रयास करेंगे। मुसलमानों को मस्जिद हेतु जमीन मिलना चाहिए साथ ही विवादित जमीन पर मंदिर का निर्माण भी होना चाहिए। कहा गया है कि जिस क्षेत्र में मुस्लिम बाहुल्य है उस क्षेत्र में मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है इस हेतु लोगों को जानकारी देना होगी।
वर्ष 1946 में विवादित जमीन पर कब्जा किया गया था। साथ ही शिया के मुत्वल्ली थे मगर ब्रिटिश सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को स्थानांतरित कर दिया था। बोर्ड ने यह कहा है कि बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर कहा गया है कि मीर बकी शिया था। शिया वक्फ बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर किया था।
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