जिनेवा: जम्मू कश्मीर मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को एक और कूटनीतिक शिकस्त मिली है. यूरोपीय यूनियन की तरफ से लताड़े जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के अधिकतर सदस्य देशों ने भी पाकिस्तान का साथ देने से इंकार कर दिया है. UNHRC में पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर संकल्प पेश करना चाहता था, किन्तु वह इसके लिए पर्याप्त समर्थन जुटाने में विफल रहा है.
इसके साथ ही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने का मंसूबे पर पानी फिर गया है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, निर्धारित समय सीमा के अंदर पाकिस्तान आवश्यक सदस्यों के समर्थन का पत्र UNHRC को नहीं सौंप पाया. UNHRC के अधिकतर सदस्य देशों ने जम्मू कश्मीर मुद्दे पर संकल्प पेश करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन करने से साफ इंकार कर दिया. इसके चलते पाकिस्तान के मंसूबे चूर चूर हो गए हैं.
न्यूज एजेंसी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत की प्रथम सचिव कुमम मिनी देवी ने कहा कि, 'जम्मू-कश्मीर भारत का संप्रभु और आंतरिक मसला है. पाकिस्तान गलत नीयत से बॉर्डर की गलत व्याख्या करने का प्रयास कर रहा है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में अत्याचार की सीमा पार हो चुकी है. हिरासत में लेकर दुष्कर्म, हत्या जैसी वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. ऐक्टिविस्ट्स और पत्रकारों के मानवाधिकारों का उल्लंघन वहां आम है'.
अर्जुन कपूर करने जा रहे यह बड़ा कारनामा, सुनकर हर कोई करेगा जमकर तारीफ़
ब्रिटिश पत्रकार का दावा, Howdy Modi कार्यक्रम को बिगाड़ने के लिए मस्जिदों से जुटाए जाएंगे लोग
कश्मीर मुद्दे पर जितना गिरेगा पाक, उठा ही उंचा उठेगा भारत का कद- अकबरुद्दीन