इस्लामाबाद: जम्मू कश्मीर और लद्दाख में धारा 370 और अनुच्छेद 35 A को हटाने के बाद सबसे ज्यादा बौखलाहट पाकिस्तान में है। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से भी उसे कोई बड़ा समर्थन मिलता नज़र नहीं आ रहा है। यहां तक कि उसे किसी बड़े इस्लामिक देश ने भी ठोस आश्वासन नहीं दिया है। ऐसे में अब उसने अपने आका यानी चीन की शरण में जाने का निर्णय लिया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 9 अगस्त को चीन के दौरे पर जाएंगे। यहां पर वह चीन में अपने समकक्ष वाय यी से मुलाकात करेंगे। हालांकि चीन ने भी भारत के इस निर्णय पर अभी तक कोई बड़ा बयान नहीं दिया है। हालांकि उसने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले पर ऐतराज जताया था, किन्तु भारत ने पाकिस्तान को दो टूक कह दिया था कि ये भारत का अंदरूनी मामला है। भारत किसी भी राष्ट्र के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देता है, ऐसे में दूसरे मुल्क भी उसके अंदरूनी मामलों से दूर रहें।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी चीन के विदेश मंत्री के अलावा दूसरे नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। आपको बता दें कि चीन हमेशा से ही पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। फिर चाहे वह आतंकी मौलाना मसूद अज़हर का मामला हो या आतंकवाद को पोषित करने का। इसलिए माना जा रहा है कि अब पाकिस्तान जम्मू कश्मीर को लेकर चीन के सामने गिड़गिड़ाने वाला है ।
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