इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के गहरा रहे तनाव को देखते हुए पाकिस्तान के तीन पूर्व विदेश सचिवों ने अपनी सरकार को चेताया है कि वो भारत की किसी आक्रामक कार्रवाई से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ले और इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए कूटनीति की सहायता ले। दरअसल, पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 से अधिक जवान शहीद हो गये थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
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इस आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारतीय सेना को इस हमले का बदला लेने के लिए खुली छूट दे दी गई है। डॉन समाचारपत्र में प्रकाशित हुए एक संयुक्त लेख में तीन पूर्व विदेश सचिव रियाज हुसैन खोखर, रियाज मोहम्मद खान और इनामुल हक ने भारत-पाक की मीडिया, राजनीतिक नेतृत्व, खुफिया संस्थानों और जनता की राय बनाने वालों से आग्रह करते हुए कहा है कि वे 'अशांत वातावरण में कुछ संतुलन बनाने का प्रयास करें और संयम बरतने की जिम्मेदारी दिखाएं।'
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'ए टाइम फॉर रीस्ट्रेंट' नाम से छपे इस लेख में कहा गया है कि 'भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है क्योंकि पीएम मोदी ने अपनी सेना को पुलवामा का बदला लेने के लिए पूरी आज़ादी दे दी है। उन्होंने कहा है कि पुलवामा, मुंबई नहीं है क्योंकि एक स्थानीय तरह की कार्रवाई हो सकती है। मुंबई में भारत ने संयम रख लिया था। उस के विपरीत अब नई दिल्ली ने 'युद्ध का नगाड़ा बजा' दिया है। इसलिए पाकिस्तान को सावधान रहने की जरुरत है।
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