नई दिल्ली : भारत में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में हाल में गिरफ्तार कथित एजेंट कैफतुल्ला खान ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। वह न सिर्फ पाकिस्तान उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने वाला था, बल्कि उसे भारतीय सेना व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में नए जासूसों की भर्ती का निर्देश भी दिया गया था। एक उच्चस्तरीय आधिकारिक सूत्र ने शुक्रवार को यह खुलासा किया। गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेना व बीएसएफ में कार्यरत अपने संपर्क सूत्रों से संपर्क स्थापित करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदने में भी पाकिस्तानी उच्चायोग से कैफतुल्ला को मदद मिलने वाली थी। पुस्तकालय सहायक का काम करने वाले खान उर्फ मास्टर राजा (44) को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील सूचनाएं प्राप्त करने और उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से साझा करने के आरोप में 26 नवंबर को गिरफ्तार किया था।
एक सूत्र ने कहा,पाकिस्तानी उच्चायोग से निर्देश मिलने के बाद खान को पाकिस्तान का वीजा मिलने वाला था। आईएसआई के उसके आकाओं ने उससे कहा था कि भारत में जासूसी को अंजाम देने के लिए उसे कुछ प्रशिक्षण (पाकिस्तान में) दिया जाएगा। खान के आईएसआई के आकाओं ने कथित तौर पर उसे पाकिस्तान उच्चायोग जाने और अपने उद्देश्यों के लिए उसे आईएसआई के एजेंटों से मिलने के लिए कहा था। सूत्र ने कहा, वीजा मिलने के बाद खान का उद्देश्य अगले मिशन यानी दिसंबर के अंत तक पाकिस्तान जाना था। उसे पाकिस्तान में तीन महीने तक ठहरने के लिए कहा गया था। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) रवींद्र यादव ने कहा कि खान को वीजा के लिए चाणक्यपुरी स्थित पाकिस्तान मिशन के बाहर किसी शख्स से मिलने और उसे अपना पासपोर्ट तथा पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों द्वारा सिफारिश पत्र सौंपने के लिए कहा गया था।
यादव ने हालांकि यह बताने से इंकार कर दिया कि उसे वीजा लेने के लिए किस शख्स से मिलने के लिए कहा गया था। यादव ने कहा, जिस शख्स से वह मिलने वाला था, उससे उसे जासूसी के और उपकरण मिलने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि उसके पास से मिले पासपोर्ट और सिफारिश पत्र को जब्त कर लिया गया है। खान के आईएसआई के आकाओं ने अधिक से अधिक संख्या में मुस्लिम युवाओं खासकर गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले उन युवाओं को भर्ती करने का भी लक्ष्य दिया था, जो बेरोजगार हों या खुद को उपेक्षित महसूस करते हों। इस उद्देश्य के लिए खान आईएसआई के एक एजेंट के आदेश पर वर्ल्ड तबलीघी कांग्रेशन (इत्तेमा) में कौन-कौन शरीक हो रहे हैं, इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेने के लिए भोपाल जा रहा था।
यह आयोजन 28-30 नवंबर के बीच होना था, जिसका उद्देश्य मुसलमानों को आत्मज्ञान से रूबरू कराना और शांति के संदेशों का प्रसार करना है। खान हालांकि अपनी योजना में सफल नहीं हो सका, क्योंकि अपराध शाखा के सहायक पुलिस उपायुक्त के.पी.एस.मल्होत्रा के नेतृत्व में पुलिस के एक दल ने 26 नवंबर को उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया, जहां से वह ट्रेन पकड़कर भोपाल जाने वाला था। पूछताछ के दौरान खान ने खुलासा किया कि वह साल 2013 में एक निजी दौरे पर पाकिस्तान जा चुका था, जिस दौरान उसकी मुलाकात आईएसआई के एक एजेंट से हुई, और उसने उसे पैसों का लालच देकर सुरक्षा बलों से संबंधित गोपनीय जानकारी प्रदान करने की पेशकश की। शीर्ष सूत्र ने कहा, इस उद्देश्य के लिए उसने सेना व बीएसएफ में अपने संपर्क सूत्र बनाए और ई-मेल तथा मोबाइल संदेश एप व्हाट्स एप व वाइबर के माध्यम से उस शख्स को गोपनीय सूचनाएं भेजना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि बाद में इसी माध्यम से उसने आईएसआई को सूचनाएं भेजना जारी रखा। सूत्र ने कहा, खान को सुरक्षा बलों की तैनाती व वायु सेना के अभियानों से संबंधित सूचनाएं प्रदान करने का विशेष काम सौंपा गया था। जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी के निवासी खान का चयन साल 1992 में बीएसएफ के लिए किया गया था, लेकिन उसने नौकरी नहीं की। बाद में साल 1993 में उसने जम्मू एवं कश्मीर पुलिस सेवा में नौकरी कर ली, लेकिन साल 1995 में पुस्तकालय सहायक की नौकरी मिलने के बाद उसने पिछली नौकरी छोड़ दी।