अपने कुकर्मों का फल भोग रहा पाकिस्तान..! आतंकी हमले में 16 सैनिकों की मौत, कई घायल

अपने कुकर्मों का फल भोग रहा पाकिस्तान..! आतंकी हमले में 16 सैनिकों की मौत, कई घायल
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है, जिसमें 16 सैनिकों की मौत हो गई और 8 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हमला दक्षिण वजीरिस्तान के माकिन क्षेत्र के लिटा सर इलाके में स्थित पाकिस्तान की सुरक्षा चौकी पर हुआ। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और तलाशी अभियान जारी है।  

हालांकि, इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है। खैबर पख्तूनख्वा पहले भी आतंकवादियों के निशाने पर रहा है, और यहां हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान सरकार लंबे समय से इन हमलों के लिए TTP को दोषी ठहराती आई है। पाकिस्तान यह भी आरोप लगाता रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार टीटीपी के लड़ाकों को शरण और समर्थन दे रही है।  

गौरतलब है कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति उसकी खुद की गलत नीतियों और अतीत में किए गए फैसलों का नतीजा है। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ने के लिए दशकों तक इस्लामी आतंकियों को पनाह दी और उन्हें ट्रेनिंग देकर भारत में हमले करवाए। लेकिन अब वही जिहादी संगठन पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गए हैं। 1947 में धर्म के नाम पर भारत से अलग होकर इस्लामी राष्ट्र बने पाकिस्तान को आज अपने ही बनाए आतंकियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।  

हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ बातचीत को क्षेत्र में शांति बनाए रखने का एकमात्र उपाय बताया था। गंदापुर, जो इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, मानते हैं कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच संवाद आवश्यक है। लेकिन सच यह है कि तालिबान और पाकिस्तान के रिश्तों में दरार पड़ चुकी है, और तालिबान अब पाकिस्तान की सीमाओं में आतंक का विस्तार कर रहा है।  

पाकिस्तान में आतंकी हमले और बम धमाके आम हो गए हैं। कुछ दिन पहले ही क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए एक भीषण बम धमाके में 25 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इससे पहले नॉर्थ वजीरिस्तान में हुए एक और बम धमाके में 4 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। खैबर पख्तूनख्वा में एक स्कूल के पास भी बम धमाका हुआ था, जिसमें दो बच्चों की जान चली गई थी।  

पाकिस्तान की यह स्थिति उसके अपने कुकर्मों का फल है। जिस इस्लामी आतंकवाद को उसने भारत और अन्य पड़ोसी देशों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया, वही अब पाकिस्तान के गले की फांस बन गया है। एक इस्लामी राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए उसने इस्लामी जिहादियों को बढ़ावा दिया, लेकिन अब वही जिहादी उसके अस्तित्व के लिए खतरा बन चुके हैं। 

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