ईसाई समुदाय पाक में भारी उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। जीवन के हर क्षेत्र में वह परेशानियों का सामना कर रहे है। यह बात ईसाइयों के उत्पीड़न के संबंध में जारी होने वाली साल भर की रिपोर्ट में कहा गया है कि ईसाइयों के विरुद्ध उत्पी़ड़नात्मक जांच करने वाले 50 देशों में पाक शीर्ष पांच में मौजूद है। वह 5वें स्थान पर है। इन सभी देशों में धर्म के आधार पर ईसाइयों का उत्पी़ड़न होता है।
अमेरिका की वैश्विक संस्था का आकलन: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो लोग इस्लाम धर्म छो़ड़कर ईसाई बन चुके हैं, पाक में उनका सर्वाधिक प्रताड़ित किया जा रहा है। जबकि बाकी के ईसाई पाक में दोयम दर्जे के नागरिक का जीवन बिता रहे हैं। रिपोर्ट में पाक को कट्टर इस्लामी देश कहा गया है। ईसाइयों का उत्पीड़न करने वालों देशों की यह सूची ईसाइयों की स्थिति पर कार्य करने वाली अमेरिका की ओपेन डोर्स नाम की संस्था बनाई जा रही है।
धार्मिक आधार पर सर्वाधिक उत्पी़ड़न करने वाला देश: जंहा इस बात का पता चला है कि पाक में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के होने वाले उत्पी़ड़न का खासतौर पर उल्लेख किया जा चुका है। जंहा गवर्नमेंट और निजी क्षेत्र की जॉब्स में ईसाइयों की संख्या बहुत कम है, उन्हें गंदगी के बीच रहना पड़ता है और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार होता है। पाक में ईसाई जहां भी नौकरी करते हैं वहां पर उनके साथ बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार किया जाता है। इतना ही नहीं कुछ ईसाई लोग मध्यम वर्ग में हैं लेकिन उनका स्तर उसी वर्ग के मुस्लिमों से भी बहुत नीचे हो चुका है। उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में कम करके आंका जा रहा है। उन्हें पढ़ने, रहने के स्थान से लेकर कार्यस्थल तक पर निरंतर उत्पी़ड़न झेलना पड़ता है। दुनिया में ईसाइयों के लिए जो सबसे बुरे स्थान हैं, उनमें पाक एक है। यहां पर अल्पसंख्यकों को हमेशा हिंसक उत्पी़ड़न भी झेलना पड़ता है। ईसाई लड़कियों के अपहरण और उनके साथ दुष्कर्म का खतरा हमेशा बना रहता है। ईशनिंदा कानून के उल्लंघन की तलवार हमेशा लटकी रहती है। यहां पर गिरजाघरों की हालत और भी ज्यादा बिगड़ चुकी है।
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