नई दिल्ली: भारत के एक राजनयिक ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान की घोर निंदा करते हुए कहा है कि इस्लामाबाद की स्वनिर्णय की परिकल्पना हकीकत में सरकार द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद है. भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में प्रथम सचिव विमर्ष आर्यन ने पाकिस्तान के झूठे प्रचार की कड़ी निंदा की. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है.
जम्मू कश्मीर के किश्तवार से आने वाले आर्यन ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा अपनाया गया स्वनिर्णय का सिद्धांत विश्व के देशों के लिए गंभीर खतरा है जहां अनेक जाति व धार्मिक समुदाय साथ-साथ रहते हैं. उन्होंने कहा है कि, 'पाकिस्तान जिस स्वनिर्णय की परिकल्पना करता है वह असल में सरकार प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद है और हकीकत में समर्थन का मतलब भारत के खिलाफ आतंकवाद को सैन्य, वित्तीय और लॉजिस्टिक मदद प्रदान करना है.'
आर्यन ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी परेशानी पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को सक्रिय प्रोत्साहन से पैदा होती है और सरकार की नीति के उपकरण के रूप में आतंकवाद के इस्तेमाल के माध्यम से पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के लोगों के जीवन के अधिकार का निरंतर उल्लंघन किया जाता है. आर्यन ने कहा कि, 'पाकिस्तान को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर अधिघोषणा के तहत अपनी प्रतिबद्धता पूरी करनी चाहिए.'
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