इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सत्ता में आने से पहले पड़ोसी देश के विकास के लिए बड़े-बड़े वादे किए हैं. मगर इमरान राज में पाकिस्तान का इतना बुरा हाल हो चुका है कि उसे विदेशों से ऋण लेना पड़ रहा है. इसके साथ ही, देश में महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है. वहीं, पीएम इमरान खान ने भी अब कबूल कर लिया है कि वह अपने वादों पर खरे नहीं उतर पाए हैं.
इमरान खान ने कबूल किया कि वह पाकिस्तान में परिवर्तन नहीं ला सके, जिसका उन्होंने सत्ता में आने के वक़्त वादा किया था. इमरान ने इसके ठीकरा पाकिस्तान के सिस्टम में खराबियों पर फोड़ दिया. राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि, ‘शुरुआत में हम क्रांतिकारी कदमों के माध्यम से फ़ौरन बदलाव लाना चाहते थे, मगर बाद में हमें एहसास हुआ कि हमारी व्यवस्था इस बदलाव को सहने में असमर्थ है.’
इमरान खान ने आगे कहा कि सरकार और मंत्रालयों ने मनचाहे रिजल्ट नहीं दिए. उन्होंने कहा कि, ‘सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि सरकार और देश के हित के बीच कोई ताल्लुक नहीं है.’ उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि, ‘क्या हमारे मंत्रालय प्रदर्शन कर रहे हैं कि कैसे निर्यात बढ़ाकर देश को स्थिर किया जाए और कैसे लोगों की स्थिति में सुधार किया जा सकता है, गरीबी को कैसे ख़त्म किया जा सकता है?’
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी विफलता को स्वीकार किया