इमरान खान ने माना- पाक में धार्मिक कट्टरता, इसलिए कोई नहीं आना चाहता पाकिस्तान

इमरान खान ने माना- पाक में धार्मिक कट्टरता, इसलिए कोई नहीं आना चाहता पाकिस्तान
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को एक बार फिर भारत की याद आई है. वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) में इमरान खान ने कहा है कि जब भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सामान्य हो जाएंगे, तो पाक के लिए बेहतर होगा. हालांकि इमरान ने ये भी कहा कि दुर्भाग्य से ये संबंध बेहतर नहीं हैं. भारत में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि शांति और स्थिरता के बगैर आर्थिक प्रगति संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केवल शांति के लिए किसी भी दूसरे देश के साथ साझेदारी करने को तैयार हैं.

दावोस में वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के अपने संबोधन में पाक पीएम इमरान खान ने माना की आतंक के कारण पाकिस्तान की छवि धूमिल हुई है और अब पाकिस्तान कोई आना नहीं चाहता है. इस दौरान पाक पीएम ने कहा कि शांति और स्थिरता के बगैर आर्थिक विकास संभव नहीं है. इमरान ने माना की, पाकिस्तान में धार्मिक चरमपंथ है और आतंकवाद की वजह से पाकिस्तान बदनाम हुआ है. इमरान खान ने अपने भाषण में हिंदू-बौद्ध पर्यटन की संभावनाओं का भी उल्लेख किया.

आपको बता दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने बुधवार (22 जनवरी) को दोहराया कि पाकिस्तान किसी भी नए संघर्ष में शामिल नहीं होगा, क्योंकि शांति से देश का भला हो रहा है. 

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