इस्लामाबाद: पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश को इस संकट से उबारने के लिए पाकिस्तान लगातार दूसरे देशों से धन माँगता फिर रहा है। ऐसे में, अब पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भी स्वीकार कर लिया है कि एक परमाणु संपन्न देश के लिए कर्ज माँगना शर्म की बात है।
दरअसल, शनिवार (14 जनवरी) को पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (PAS) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के पासिंग आउट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाक पीएम शहबाज शरीफ ने खेद प्रकट करते हुए कहा है कि मित्र देशों से और कर्ज माँगना उनके लिए शर्मनाक था। विदेशों से कर्ज लेना, आर्थिक चुनौतियों का स्थायी निराकरण नहीं है, क्योंकि यह कर्ज वापस भी करना होगा। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि उनकी बस तेज रफ़्तार से सही दिशा में बढ़ती है, तो सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को हासिल करके, विदेशी कर्ज से बचा जा सकता है।
पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक चुनौतियों को लेकर पीएम शरीफ ने कहा है कि पिछले 75 सालों के दौरान देश में कई सरकारें रहीं हैं, चाहे वह राजनीतिक नेतृत्व वाली सरकार हो या सैन्य तानाशाहों के नेतृत्व वाली सरकार हो– कोई भी देश की आर्थिक समस्याओं का निराकरण नहीं कर सकीं। शहबाज शरीफ ने कर्ज देने के लिए UAE की प्रशंसा करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद ने बहुत ही शालीनता और प्यार से पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का और कर्ज देने का ऐलान किया है।
बता दें कि पाकिस्तान पर दिवालिया होने का संकट गहराता जा रहा है। पाकिस्तान, अभी पूरी तरह से विदेशी मदद पर आश्रित हो गया है। पाकिस्तान में एक पैकेट आटे का भाव 3100 रुपए के पार पहुँच चुका है। इस गंभीर संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान सरकार रूस से गेहूँ आयात कर रही है। हालाँकि, इसके बाद भी पाकिस्तान की जनता आटे के लिए मोहताज है।
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