नई दिल्ली : खबर है कि पाकिस्तान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र को पांचवां प्रांत घोषित करने की तैयारी कर रहा है. पाकिस्तान के इस प्रयास ने भारत को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि इस विवादित क्षेत्र की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लगती है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के अंतर प्रांतीय समन्वय मंत्री रियाज हुसैन पीरजादा ने जियो टीवी को बताया कि विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की अध्यक्षता में एक समिति ने गिलगित-बाल्तिस्तान को एक प्रांत का दर्जा देने का प्रस्ताव दिया है. पीरजादा ने कल कहा कि समिति ने यह सिफारिश की है कि गिलगित-बाल्तिस्तान को पाकिस्तान का प्रांत बनाना चाहिए. इस क्षेत्र का दर्जा बदले जाने को लेकर संविधान में संशोधन किया जाएगा.
आपको जानकारी दे दें कि अभी बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध पाकिस्तान के चार प्रांत है. पांचवा प्रान्त गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र को बनाया जाने का प्रस्ताव है. अहम बात यह है कि इसी क्षेत्र से 46 बिलियन डॉलर की लागत वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) गुजरता है.
याद रहे कि पाकिस्तान, गिलगित-बाल्तिस्तान को एक अलग भौगोलिक इकाई मानता है. इस क्षेत्र की अपनी विधानसभा और एक निर्वाचित मुख्यमंत्री है. पाकिस्तान की इस कोशिश से से भारत की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है, क्योंकि इस विवादित क्षेत्र की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लगती है.
पाकिस्तान का यह कदम आकस्मिक नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि गिलगित-बाल्तिस्तान की अस्थिर स्थिति को लेकर चीन की चिंताओं के कारण ही पाकिस्तान को मजबूर होकर इसका दर्जा बदलना पड़ रहा है. पाकिस्तान के जरिये चीन अपना हित साधना चाहता है.
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