इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सबसे बड़े धार्मिक संगठन इस्लामी विचारधारा परिषद (CII) ने कहा है कि पाकिस्तान में किसी भी भाग में मंदिर निर्माण पर किसी भी किस्म की रोक नहीं है. CII का कहना है कि हिन्दू मंदिर निर्माण पर न कोई संवैधानिक और न ही शरिया की तरफ से कोई रोक है.
'डॉन न्यूज' की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है. रिपोर्ट में कहा गया है इस्लामी विचारधारा परिषद (CII) ने संविधान और 1950 में हुए लियाकत-नेहरू समझौते के आधार पर एक बैठक में यह फैसला लिया है. बता दें कि इस फैसले पर CII के 14 सदस्यों के दस्तखत हैं और इसमें कहा गया कि देश के अन्य धार्मिक समूहों की तरह ही हिंदुओं को भी अपने धर्म के मुताबिक अंतिम संस्कार करने के लिए एक जगह का संवैधानिक अधिकार है.
दरअसल पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने छह जुलाई को CII से इस बात पर प्रतिक्रिया मांगी थी कि हिन्दुओं को शवदाह गृह, धर्मशाला और एक मंदिर के लिए जमीन आवंटित किए जाएं. इस बात पर कई मौलवियों ने आपत्ति जताई थी. इसपर CII की मीटिंग के बाद फैसला लिया गया. CII के अध्यक्ष किबला अयाज ने कहा कि परिषद ने मौलवियों और हिंदू समुदाय के विभिन्न संदर्भों को सुनने के बाद यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा, 'शरिया के विभिन्न प्रावधानों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
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