इस्लामाबाद: विश्व भर में आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए कार्य करने वाली संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में कायम रखा है। यह फैसला इस वर्ष अक्टूबर तक यथावत रहेगा, यदि इस दौरान पाकिस्तान अपने रुख में बदलाव लाता है तो उसे हटाने पर विचार किया जाएगा। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की वार्षिक बैठक में यह फैसला लिया गया है।
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यही नहीं पाकिस्तान ने गुरुवार शाम को अंतिम समय में हाफिज सईद के आतंकी संगठनों जमात-उद-दावा और उसके चैरिटी संगठन फलाह-ए-इनसानियत को प्रतिबंधित कर आतंक के खिलाफ कार्रवाई का सन्देश देने का प्रयत्न किया था। किन्तु पाक का यह पैंतरा भी काम नहीं आ सका। पुलवामा में CRPF पर पाक में एक्टिव आतंकी संगठन की तरफ से आत्मघाती हमला किए जाने के बाद भारत ने भी अपील की थी कि पाकिस्तान को इस लिस्ट से नहीं हटाया जाना चाहिए। यहां तक कि भारत ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डालने के लिए भी मांग उठाई थी, किन्तु इस संबंध में पाकिस्तान को राहत दे दी गई।
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फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने कहा है कि अक्टूबर, 2019 तक यदि पाकिस्तान FATF की 27 मांगों पर कार्य नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाएगा। इस दौरान भारत ने बल देते हुए कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों को फंडिंग करने वालों की जानकारी देनी चाहिए। इस दौरान पाकिस्तानी अफसरों ने इस बात को लेकर पूरा बल दिया कि उनके देश को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया जाना चाहिए। आपको बता दें कि फ्रांस ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि वह बैठक के दौरान पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरक़रार रखने की बात कहेगा।
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