इस्लामाबाद/नईदिल्ली। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी और पाकिस्तान में जासूसी के कथित आरोप में फांसी की सजा का निर्णय झेल रहे कुलभूषण जाधव को लेकर यह बात सामने आई है कि भारत ने इस मसले पर अपना पक्ष दृढ़ता से रखा है। वह अपने पूर्व नौसेना अधिकारी को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। भारत ने पाकिस्तान के साथ इस मसले पर कोई भी समझौता करने से इन्कार कर दिया है। वह हर हाल में जाधव की वापसी चाहता है और इसके लिए भारत ने पाकिस्तान से हर स्तर की वार्ता पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव से भारतीय राजदूत ने भेंट की अपील को 14 बार खारिज कर दिया गया है। भारत ने कहा है कि वह किसी भी तरह से पाकिस्तान मैरीटाइम सिक्युरिटी एजेंसी के प्रतिनिधिमंडल कीं मेजबानी करने के लिए तैयार नहीं है। इस प्रतिनिधिमंडल द्वारा रविवार को भारत में चर्चा की जाना है लेकिन अब जबकि भारत ने चर्चा से इन्कार किया है तो फिर मैरिटाईम सिक्युरिटी एजेंसी का आना खटाई में पड़ सकता है।
दूसरी ओर पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त ने पाकिस्तान के विदेश सचिव से भेंट की और कुलभूषण जाधव से भारतीय राजनयिक से भेंट करने की अनुमति मांगी मगर पाकिस्तान इससे सहमत नहीं हुआ और उसने अनुमति नहीं दी। गौरतलब है कि जाधव पर पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि वे राॅ के एजेंट हैं उन्हें बलूचिस्तान में पकड़ा गया था हालांकि जाधव का कहना था कि वे पहले नौसेना में थे अब उनका भारतीय नौसेना से संबंध नहीं है और वे बलूचिस्तान में अपने कारोबार को लेकर पहुंचे थे। मगर पाकिस्तान ने उन्हें पकड़ लिया और फिर मौत की सजा सुना दी जिस पर भारत ने कहा है कि यदि पाकिस्तान ऐसा कुछ करता है तो इसे सुनियोजित हत्या माना जाएगा।
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