नई दिल्ली: असद रऊफ का नाम पाकिस्तान के बेहतरीन अंपायर्स में गिना जाता है. असद रऊफ ने अपने 13 वर्षों के लम्बे करियर में 49 टेस्ट, 98 ODI और 23 टी20 इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग की है. लेकिन अब असद रऊफ की लाइफ बहुत बदल चुकी है और वह लाहौर के एक बाजार में एक दुकान चलाते हैं. रऊफ को अब क्रिकेट के खेल में कोई रुचि नहीं बची है.
असद रऊफ ने एक पाकिस्तानी चैनल से बात करते हुए कहा कि, 'मैंने पूरी आयु जब खुद ही (क्रिकेट को) खिला दी, तो अब देखना किसको है. मैंने 2013 के बाद क्रिकेट से बिल्कुल ही छोड़ दिया, क्योंकि मैं जो काम छोड़ता हूं, उसे छोड़ ही देता हूं.' रऊफ ने आगे कहा कि, 'मैंने यह छोटा सा सेटअप रखा हुआ है. देखिए काम भी तो करना है. मेरे खून में है कि जब तक जिंदगी है, तब तक काम करना है. मैं अभी 66 वर्ष का हूं और अब भी अपने पैरों पर खड़ा हूं. लोगों को काम करते रहना चाहिए, यदि आप काम छोड़ देंगे तो घर बैठ जाएंगे.'
असद रऊफ को 2016 में BCCI द्वारा पांच वर्षों का बैन लगाया था. तब अनुशासन समिति ने उन्हें भ्रष्टाचार में शामिल होने का दोषी करार दिया था. रऊफ ने सट्टेबाजों से मूल्यवान उपहार स्वीकार किए थे और 2013 के IPL के दौरान मैच फिक्सिंग कांड में भी उनकी भूमिका सामने आई थी. BCCI के प्रतिबंध को लेकर रऊफ ने कहा कि, 'मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ वक़्त IPL में बिताया है, इन मुद्दों के अलावा जो बाद में आए. उनसे मेरा तो कोई लेना था ही नहीं, वो BCCI की ओर से आए और उन्होंने ही फैसले ले लिए.'
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