जेद्दा: विदेशों में पकड़े जाने वाले 90 फीसद भिखारी पाकिस्तान (Pakistani Beggars) के पाए गए हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इनमें से ज्यादातर पाकिस्तानी जायरीन (हज करने जाने वाले यात्री) बनकर अरब देश में आते हैं और वहाँ पॉकेटमारी करने लगते हैं। सऊदी अरब ने कहा है कि इन पाकिस्तानी जेबकतरों के कारण उसके देश की जेलें भर गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक मीटिंग में पाकिस्तान को अपने हज कोटा से जायरीनों का चयन करने में सावधानी बरतने की नसीहत दी है। प्रवासी पाकिस्तानियों पर सीनेट की स्थायी समिति को बुधवार (27 सितंबर 2023) को सूचित किया गया कि पाकिस्तान से बड़ी तादाद में भिखारी विदेश जा रहे हैं, जिससे ‘मानव तस्करी’ बढ़ रही है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रवासी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव जुल्फिकार हैदर ने कुशल और अकुशल श्रमिकों के पाकिस्तान छोड़ने के मुद्दे पर सीनेट पैनल में एक चर्चा के दौरान इस बारे में खुलासा किया है। इस दौरान हैदर ने समिति को बताया है कि अन्य देशों में अरेस्ट किए गए ’90 फीसदी भिखारी’ पाकिस्तानी मूल के थे। उन्होंने बताया कि कई भिखारियों ने सऊदी अरब, ईरान और इराक की यात्रा के लिए उमराह वीजा (हज के लिए वीज़ा) का गैर-कानूनी लाभ उठाया था।
उन्होंने ने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि मक्का में मस्जिद अल-हरम जैसे पाक स्थलों पर पकड़े गए जेबकतरों में बड़ी तादाद में पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे। इस दौरान सीनेट पैनल में मध्य-पूर्व को ‘जेबकतरों’ का मुख्य अड्डा बताया गया। सऊदी अरब इस बात से काफी नाराज दिख रहा है कि पाकिस्तान से भिखारी और जेबकतरे उमराह वीजा पर उनके यहाँ पहुँच जाते हैं और फिर गैरकानूनी गतिविधियां करते हैं। इसके पीछे का कारण ये है कि उन्हें सऊदी की तरफ से रोजगार के लिए वहाँ नहीं बुलाया जाता, क्योंकि कुशल कामगारों के रूप में अरबियों को पाकिस्तानियों पर यकीन नहीं होता है।
पाकिस्तानी श्रमिकों से अधिक ये देश भारतीय और बांग्लादेशी कामगारों पर भरोसा करता है। पाकिस्तान सीनेट पैनल में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के प्रवासी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव जुल्फिकार हैदर खुद यह बात कबूली है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब अब अकुशल लोगों के स्थान पर कुशल कामगारों को प्राथमिकता देता है। सीनेट पैनल में चर्चा के के दौरान सीनेटर राणा महमूद-उल-हसन ने जापान जैसे मुल्कों में कुशल कामगारों के बीच पाकिस्तान के तुलनात्मक तौर पर कम प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाया। इसके अलावा उन्होंने बताया कि विदेशों में पकड़े गए भिखारियों में से ज्यादातर पाकिस्तान से थे। उन्होंने बताया कि इराक और सऊदी अरब के राजदूतों ने सूचित किया था कि इनकी गिरफ्तारियों से उनके यहाँ बदमाशों को कैद में रखने तक की जगह नहीं बची है। इस कारण मानव तस्करी का खतरा पैदा हो गया है।
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