कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी पर पाक में बुरी हालत हुई है. एक आतंकरोधी अदालत ने इस पार्टी पर बड़ी कार्यवाही की है. अदालत ने साल 2018 में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने के मामले में TLP सुप्रीमों खादिम हुसैन रिजवी के भाई अमीर हुसैन रिजवी और भतीजे मोहम्मद अली समेत पार्टी के 87 कार्यकर्ताओं 55 साल कारावास की सजा सुनाई है.
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पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, दोषियों पर 12,925,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही अदालत ने सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्ति को जब्त करने का निर्देश भी दिया है. पुलिस ने साल 2018 में 18 नवंबर को TLP प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी, उनके भाई आमीर हुसैन रिजवी और भतीजे मोहम्मद अली समेत 87 चरमपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. इन सभी को अशांति फैलाने और हिंसा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था.
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गुरुवार को इस्लामाबाद के नजदीकी शहर रावलपिंडी में अदालत ने देर रात यह फैसला सुनाया जिसके बाद दोषियों को अटोक जेल भेज दिया गया. बता दें कि कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक के इन सदस्यों ने साल 2018 के नवंबर महीने में पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन किए थे. ये प्रदर्शन ईशनिंदा के झूठे आरोप में आठ साल जेल काटने वाली ईसाई महिला आसिया बीवी को रिहा करने करने के फैसले विरोध में हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था और निजी वाहनों में आग लगाई थी.
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