नई दिल्ली: इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच कई पाकिस्तानी क्रिकेटर फिलिस्तीन के समर्थन में सामने आए हैं। हारिस रऊफ, शादाब खान, इफ्तिखार अहमद और मुहम्मद नवाज सहित पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने फिलिस्तीन के साथ अपनी 'एकजुटता' व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। फ़िलिस्तीन समर्थक पाकिस्तानी कप्तानों ने फ़िलिस्तीनी झंडों की तस्वीरें पोस्ट कीं हैं।
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— Haris Rauf (@HarisRauf14) October 18, 2023
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर कामरान अकमल ने भी फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर फिलिस्तीनी झंडा पोस्ट किया है। पाकिस्तानी क्रिकेटरों में अज़हर अली, नोमान अली, आमेर यामीन, वसीम जूनियर, सोहेल तनवीर, मुहम्मद अब्बास, फहीम अशरफ, साहिबजादा फरहान और अन्य ने फिलिस्तीन के लिए अपना समर्थन दिखाया है। बता दें कि, यह समर्थन पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद रिज़वान पर ICC में शिकायत दर्ज होने के कुछ ही दिन बाद आया है, जो मैदान पर और बाहर अपनी धार्मिकता का बेबाकी से प्रदर्शन करने के लिए कुख्यात है। मुहम्मद रिज़वान ने भारत में आईसीसी विश्व कप मैच में श्रीलंका पर अपनी टीम की जीत को गाजा के लोगों को समर्पित किया था। उनके पोस्ट पर एक्स पर कई हलकों से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं और कई लोगों ने ICC से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। हालाँकि, ICC ने कथित तौर पर यह दावा करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह खेल के मैदान के बाहर है। शायद, इसी से पाकिस्तानी खिलाड़ियों को शह मिली है, जो पहले एक खिलाड़ी फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा था, वहीं अब पूरी की पूरी जमात उठ खड़ी हुई है, क्योंकि, उन्हें पता है कि, ICC कुछ नहीं करने वाला।
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— Kamran Akmal (@KamiAkmal23) October 18, 2023
यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तानी क्रिकेटर, जो अब फिलिस्तीन के साथ एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं, वे उस समय बेहद चुप थे जब हमास के आतंकवादियों ने 1300 से अधिक इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी थी, बच्चों को बर्बर तरीके से मार डाला था, महिलाओं के साथ बलात्कार किया और उन्हें नग्न करके घुमाया। भले ही फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने इजरायली नागरिकों को बंधक बनाना जारी रखा है, पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने हमास के कुकृत्यों पर पर्दा डाल कर एकतरफा फिलिस्तीन का समर्थन करना चुना है। यह मुस्लिम उम्माह के बीच एकता और भाईचारे की भावना से उपजा है। पाकिस्तानी क्रिकेटर और आम तौर पर मुसलमान फिलिस्तीन, गाजा और यहां तक कि हमास का समर्थन कर रहे हैं, इसलिए नहीं कि उन्हें उनकी 'स्वतंत्रता' या 'अधिकारों' की परवाह है, बल्कि सिर्फ इसलिए कि वे मुसलमान हैं, और क्योंकि वे आम तौर पर यहूदियों और काफिरों से घृणा करते हैं। विडंबना यह है कि जहां पाकिस्तानी क्रिकेटर और उसकी सेना फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं, इसी पाकिस्तान ने ही 1970 में फिलिस्तीनियों के नरसंहार में जॉर्डन की मदद की थी।
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