पाकिस्तान के विपक्ष के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने संसद में दिए अपने भाषण में भारत और पाकिस्तान की तुलना की। उन्होंने बताया कि जहां भारत "वैश्विक महाशक्ति" बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं पाकिस्तान दिवालियापन के खतरे का सामना कर रहा है। रहमान ने पूछा कि इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है, खासकर जब दोनों देशों ने अगस्त 1947 में एक साथ स्वतंत्रता प्राप्त की थी।
हाल ही में पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से $3 बिलियन का बेलआउट पैकेज प्राप्त किया, जिसमें सोमवार को उसकी अंतिम किश्त वितरित की गई। देश लगातार आर्थिक कठिनाइयों के कारण आईएमएफ से अतिरिक्त फंडिंग की मांग कर रहा है। रहमान ने पाकिस्तान के हाल ही में हुए आम चुनावों की आलोचना की, आरोप लगाते हुए कि चुनावों में नौकरशाही का हस्तक्षेप था। उन्होंने चुनावों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि न तो विजेता और न ही हारने वाले परिणामों से संतुष्ट हैं।
रहमान ने वर्तमान संसद पर सिद्धांतों से समझौता करने और "लोकतंत्र बेचने" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारें पर्दे के पीछे बनती हैं और नौकरशाह तय करते हैं कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा। उन्होंने सवाल किया कि वे कितने समय तक निर्वाचित होने के लिए बाहरी शक्तियों पर निर्भर रहेंगे।