दुनियाभर की नजर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक पर टिकी हुई है. भारत की भी इस पर खास नजर है. हर बार झूठ का दामन थामे पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्रवाई से बचता रहा है. लेकिन अब उसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है. हालांकि, पाकिस्तान का आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए वह चीन, तुर्की और मलेशिया से मदद की उम्मीद लगाए बैठा है. आइए जानते हैं कि एफएटीएफ से बचने लिए पाकिस्तान ने क्या तर्क दिए हैं. भारती की क्या हैं बड़ी चिंताएं हैं. इससे बचने के लिए पाकिस्तान को किसका आसरा है.
Junior Under 21 Hockey World Cup: अब भारत करेगा हॉकी विश्व कप की मेजबानी
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकालने के लिए लगातार कोई न कोई नई झूठ बोल रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान अब पहले की तरह आतंकियों के लिए सुरक्षित जगह नहीं बची है. उनका यह बयान कहीं न कहीं एफएटीएफ के बचाव से प्रेरित था। पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि पाकिस्तान अब आतंकियों के लिए स्वर्ग नहीं है. इमरान ने स्वीकार किया 9/11 के बाद आतंकी गतिविधि यहां अफगानी रिफ्यूजी कैंप से चलती थी. इसे रोकना आसान नहीं था, क्योंकि यहां इन रिफ्यूजी की आबादी एक लाख से ज्यादा है.
पाकिस्तान ने एक महीने बाद किया कबूल, कहा- हां , जेल से फरार हुआ मलाला पर हमला करने वाला आतंकी
ब्लैक लिस्ट होने से बचाने के लिए पाकिस्तान लगातार झूठे दावे कर रहा है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान आर्मी की कैद से गायब हो गया है. पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंक से जुड़े दो मामलों में 11 साल जेल की सजा सुनाई थी. यह कदम एफएटीएफ की बैठक से ठीक चार दिन पहले आया था. पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एफएटीएफ को जानकारी दी कि उसके यहां छिपे 16 आतंकियों में से सात को मौत के घाट उतारा जा चुका है.
फिर चीन के निशाने पर आए उइगर मुसलमान, सबकुछ जानते हुए भी अनजान बना पाकिस्तान
दुबई : संदिग्ध परिस्थिति में भारतीय इंजीनियर की हुई मौत, सामाजिक कार्यकर्ता नसीर ने खोले राज
दुनिया का ये बड़ा बैंक करेगा 35 हज़ार लोगों की छंटनी, ये है वजह