Operation Stovewood: पाकिस्तानियों ने किया सैकड़ों ब्रिटिश लड़कियों का रेप, 1400+ पीड़िताओं ने सुनाई आपबीती

Operation Stovewood: पाकिस्तानियों ने किया सैकड़ों ब्रिटिश लड़कियों का रेप, 1400+ पीड़िताओं ने सुनाई आपबीती
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लंदन: ब्रिटेन के रोथरहैम शहर में लगभग 20 साल पहले 14 वर्षीय किशोरी के साथ हुई दरिंदगी के मामले में 42 वर्षीय वलीद अली को सजा सुनाई है। यह मामला ब्रिटेन के सबसे बड़े बाल यौन शोषण की जाँच ‘ऑपरेशन स्टोववुड’ के तहत सामने आया, जो 1997 से 2013 के बीच रोथरहैम में सैकड़ों लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण के मामलों की पड़ताल कर रहा है। इसमें पाकिस्तानी मूल के अपराधियों ने सैकड़ों लड़कियों का बलात्कार किया और फिर उन्हें डरा-धमकाकर उन्हें चुप रहने को मजबूर किया। 

 

UK की नेशनल क्राइम एजेंसी के अनुसार, मौजूदा घटना 2003 और 2004 के बीच की है, जब लगभग 20-22 साल के वलीद अली ने 14 साल की लड़की को रोथरहैम के टाउन सेंटर में एक पानी के फव्वारे के नजदीक अकेले बैठे हुए पाया। अली की उस पर नियत बिगड़ गई, वो अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर उस लड़की के पास पहुंचा और उसे एक नजदीकी गली में चलने को कहने लगा। जब लड़की ने इंकार किया, तो अली और साथियों ने उसका हाथ पकड़कर उसे जबरन गली में ले गए। 

जहाँ पीड़िता के साथ आरोपी ने बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया। यह गली लोगों की नजर से दूर थी, जिसके चलते उसे कोई देख नहीं सका। वलीद ऐसे मामलों में पहले भी जेल जा चुका है, लेकिन वो सुधरा नहीं। उस समय में अली ने एक और ब्रिटिश लड़की का बलात्कार किया था, जिसमें वो जेल गया था। इस भयावह घटना के बाद, नाबालिग पीड़िता ने तक़रीबन 20 वर्षों तक अपनी पीड़ा को दबाए रखा और चुप रही। हालाँकि, 2021 में उसने ‘ऑपरेशन स्टोववुड‘ टीम के सामने आकर अपनी पीड़ा बताई। पीड़िता के साहस और उसके बयान के आधार पर वलीद अली को अरेस्ट किया गया और उस पर केस चलाया गया।

 

शेफ़ील्ड क्राउन कोर्ट ने शुक्रवार (13 सितंबर 2024) को वलीद अली को 14 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया। वलीद को  13 साल कैद की सजा सुनाई गई है। इसके पहले, अली को 2003 में 13 साल की एक अन्य ब्रिटिश लड़की के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामले में भी दोषी करार दिया जा चुका है। उस मामले में भी अपराध उसी गली में हुआ था। साउथ यॉर्कशायर पुलिस और नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) की ‘ऑपरेशन स्टोववुड’ जांच टीम ने इस मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। इस मामले के वरिष्ठ जाँच अधिकारी, स्टुअर्ट कॉब ने बताया है कि, “पीड़िता ने 21 वर्षों तक अपनी पीड़ा को छिपाए रखा, मगर उनके साहस और हमारे जाँच कार्य ने सुनिश्चित किया कि दोषी को सजा मिले। हम सभी पीड़ितों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे अपनी पीड़ा साझा करें और पुलिस से संपर्क करें।”

क्या है ऑपरेशन स्टोववुड ?

बता दें कि, ‘ऑपरेशन स्टोववुड’ ब्रिटेन में बाल यौन शोषण के मामलों की सबसे बड़ी पड़ताल है, जो रोथरहैम में 1997 से 2013 के बीच हुए सैकड़ों यौन शोषण मामलों की छानबीन कर दोषियों को सजा दिलवाने के लिए चलाया जा रहा है। इस जाँच में अब तक कई आरोपित दोषी पाए गए हैं, जिनमें से दर्जनों को सजा भी सुनाई जा चुकी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1997 से 2013 के बीच रोथरहैम में 1,400 से अधिक ब्रिटिश लड़कियों का यौन शोषण किया गया था। इस अपराध के पीछे मुख्य रूप से पाकिस्तान मूल के गिरोहों का हाथ बताया गया है, जिसे ब्रिटेन में 'ग्रूमिंग जिहाद' भी कहा जाता है। इसमें एक सुनियोजित तरीके से पाकिस्तानी मूल के लड़के, ब्रिटिश लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं, उन्हें डराते-धमकाते हैं। 

 

अब तक की जाँच में 1,400 से अधिक पीड़ितों की पहचान हो चुकी है और जाँच प्रक्रिया 2027 तक जारी रहने की संभावना जताई जा रहे है। पुलिस और न्यायिक एजेंसियाँ इस काम में लगी हैं ताकि पीड़ितों को इंसाफ मिल सके और अपराधियों को सजा दी जा सके। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, ब्रिटेन में कोई भी इस जांच को मुस्लिम विरोधी के रूप में नहीं पेश कर रहा है, ना वहां के नेता, ना ही मीडिया। बल्कि, इसे पीड़ितों को न्याय दिलाने का एक जरिया माना जा रहा है और इस ऑपरेशन की तारीफ हो रही है। ऐसा नहीं है कि ब्रिटेन में इन पाकिस्तानियों के अलावा कोई और रेप नहीं करता, रेप वहां होते हैं और दोषियों को सजा भी मिलती है। लेकिन इन पाकिस्तानियों का एक पूरा गिरोह है, जो सुनियोजित साजिश के तहत, इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहा है।

 

ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक ने ग्रूमिंग गैंग (पाकिस्तानी लोगों का समूह) के खिलाफ टास्क फ़ोर्स का ऐलान किया था, वहीं पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने भी इस पर चिंता जताते हुए कहा था कि पाकिस्तानी मूल के लोग यहाँ ब्रिटिश लड़कियों को ड्रग्स आदि देकर उनका यौन शोषण करते हैं और फिर उनकी तस्करी कर देते हैं। देखा जाए तो भारत में भी आए दिन लव जिहाद के केस देखने को मिलते हैं, जो बहुत कुछ इसी ग्रूमिंग जिहाद से मेल खाता है। लेकिन, भारत में कई राजनेता वोट बैंक की खातिर इस पर आँख मूँद लेते हैं और मीडिया भी इसे अधिक नहीं दिखाता कि, कहीं उनपर मुस्लिम विरोधी होने का ठप्पा ना लगा दिया जाए। लेकिन उन लड़कियों का क्या? जिन्होंने इस जाल में फंसकर दरिंदगी झेली है, क्या उन्हें इंसाफ नहीं मिलना चाहिए ? क्या भारत में भी ऑपरेशन स्टोववूड जैसा कोई अभियान शुरू होना चाहिए, जो लव जिहाद पीड़िताओं की भयावह सच्चाई को सामने आए और बाकी लड़कियों को बचाया जा सके ? 

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