लाहौर: पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) असिफ सईद खोसा ने आज कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय में जल्द ही महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाएगी. इसके साथ ही, खोसा ने कहा कि न्याय का कोई लिंग नहीं होता. यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के हवाले से प्राप्त हुई है.
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट ने सीजेपी खोसा के बयान का हवाला देते हुए बताया है कि, "मैंने एक जस्टिस आयशा मलिक का नाम सुना, जिन्हें श्रीमती आयशा मलिक के रूप में पहचाना जाता है. मुझे लगा कि क्या न्याय की भी पत्नियां होती हैं. नहीं, वह एक सम्माननीय न्यायमूर्ति हैं और अकेले ही काफी हैं. " पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश असिफ सईद खोसा ने आगे कहा कि समय के साथ पुरुष और महिला के बीच के फासले समाप्त हो जाएंगे.
उन्होंने महिला जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने का पक्ष लेते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट महिलाओं को न्यायालय प्रणाली से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि शीर्ष अदालत महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में प्रयासरत है. पुरुष प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं के काम करने को लेकर उन्होंने प्रशंसा की और कहा कि आज के दौर में महिलाएं किसी भी पुरुष से कम नहीं हैं .
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