इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जुबानी जंग जारी है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) डॉ. मोईद यूसुफ ने कहा कि काबुल हर दिन अपने वरिष्ठ अधिकारियों के "मूर्खतापूर्ण बयानों" के कारण शर्मिंदा हो रहा है। इससे द्विपक्षीय रिश्ते खराब हो रहे हैं। इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतंकी संगठन तालिबान को उकसाने के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई थी।
We don't have such a picture in our history and won't ever have. Yes, yesterday I flinched for a friction of a second as a rocket flew above & landed few meters away. Dear Pak twitter attackers, Talibn & terrorism won't heal the trauma of this picture. Find other ways. pic.twitter.com/lwm6UyVpoh
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) July 21, 2021
अशरफ गनी ने कहा था कि पिछले महीने पाकिस्तान ने 10,000 'जिहादी' लड़ाके अफगानिस्तान में भेजे हैं। जबकि इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान सरकार तालिबान को चल रही शांति वार्ता में "गंभीरता से बातचीत" करने के लिए मनाने में नाकाम रही है। इस पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान बिफर गए और कहा कि अफगानिस्तान में अशांति का सबसे अधिक खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ा है। अब अफगानिस्तान के पहले उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के तंज पर पाकिस्तान बौखला गया है।
पाक के NSA डॉ. मोईद यूसुफ ने गुरुवार को कहा कि इस्लामाबाद, अफगान में शांति कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है और अफगानिस्तान में कुछ खेल बिगाड़ने वालों का मूर्खतापूर्ण बयान युद्धग्रस्त देश की शांति और स्थिरता के लिए उसके समर्थन को प्रभावित नहीं करेगा। डॉ. मोईद यूसुफ की टिप्पणी अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के एक ट्वीट के बाद आई है, जिन्होंने 1971 की जंग के बाद भारत के समक्ष पाकिस्तानी फ़ौज के आत्मसमर्पण की एक तस्वीर साझा करते हुए कैप्शन में लिखा था कि पाकिस्तान तालिबान और आतंकवाद के जरिए अपने इस आघात को नहीं भर पाएगा।
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