जिनेवा: भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में एक बार फिर पाकिस्तान का पर्दाफाश किया है. भारत ने कहा है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों को पेंशन प्रदान कर रहा है. UN में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि परिषद के सदस्य इस बात से अच्छी तरह परिचित हैं कि पाकिस्तान खूंखार आतंकवादियों को आर्थिक मदद पहुंचा रहा है और वह आतंकियों का गढ़ बन गया है. भारत ने पाकिस्तान को हिदायत देते हुए कहा कि उसे सरकार द्वारा प्रायोजित बॉर्डर पार आतंकवाद ओर फ़ौरन रोक लगानी चाहिए.
UNHRC के 46वें सत्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि के बयान की प्रतिक्रिया में जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बधे ने पाक पीएम इमरान खान के ‘नए पाकिस्तान’ की पोल खोल दी. दरअसल, पाकिस्तान ने 11/26 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद, लश्कर-ए-तैयबा के नेता जकीउर रहमान लखवी और पाकिस्तानी परमाणु इंजीनियर महमूद सुल्तान बशीरुद्दीन के लिए 'बुनियादी खर्च' की इजाजत देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का दरवाजा खटखटाया था. इसी को आधार बनाकर भारत ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा.
पवन बधे ने आगे कहा कि पाक नेता खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनका देश आतंकवाद का गढ़ बन गया है. पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे भद्दा रूप है और आतंकवाद के समर्थक सबसे ज्यादा मानवाधिकारों को कुचल रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि, ‘पाक पीएम इमरान खान ने सार्वजनिक रूप से आतंकियों के समर्थन की बात कबूल की थी. यही नहीं उन्होंने अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को शहीद तक कहा था. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान आतंकियों को लेकर क्या विचार रखता है’.
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