कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. 8 जुलाई को ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के लिए मतदान होना हैं. अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले होने जा रहे पंचायत चुनाव को लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी भाजपा सहित सभी दल इस चुनाव में पूरा जोर लगा रहे हैं.
बता दें कि, विपक्षी पार्टियों ने पंचायत चुनाव को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिस पर अब अदालत फैसला भी आ गया है. उच्च न्यायालय ने विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के निर्देश दिए. इसके साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि मतदाताओं का विश्वास आयोग में होना चाहिए.
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट की तरफ से जारी की गई नोटिफिकेशन ना में निर्धारित समय सीमा को भी अपर्याप्त करार देते हुए कहा कि हमारे विचार से ये जल्दी में किया गया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से इस पर विचार करने को भी कहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि मौजूदा पंचायत का कार्यकाल अगस्त महीने तक है. ऐसे में नामांकन के लिए उचित वक़्त दिया जा सकता है.
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