कोरोना संकट में कम खर्च में होगा पंचायत चुनाव का आयोजन

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शिमला: कोविड के बढ़ते मामले के साथ हिमाचल में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में दूसरे जिलों में ड्यूटी का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया। कोविड-19 की वजह से हिमाचल चुनाव आयोग खर्च नहीं बढ़ाना चाह रहे है।  चुनाव के लिए तकरीबन 56 हजार कर्मचारियों की आवश्यकता है। लिहाजा, आयोग ब्लॉक के अंदर से ही कर्मचारियों की ड्यूटी लगाएगा ताकि टीए-डीए के करोड़ों रुपयों को बचाया जा सकता है। 

निर्वाचन आयोग विधानसभा चुनाव के बीच बाहरी जिलों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। इस तरह चुनाव ड्यूटी देने वालों के लिए टीए-डीए पर करोड़ों रुपये खर्च किये जाते है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में मतदान केंद्रों की तादाद बहुत ही अधिक है। बाहरी जिलों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना बहुत महंगा पड़ जाता है। 

जंहा इस बात का पता चला है कि प्रदेश की 2,758 पंचायतों की वोटर लिस्ट की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। आपत्तियों और दावों पर सुनवाई 7 दिन के भीतर होने वाली है। 7 दिन का वक़्त अपील करने के लिए दिया जाने वाला है। संबंधित जिलों के उपायुक्तों को 5 दिन के भीतर इन अपीलों का निपटारा किया जाने वाला है। वहीं, हिमाचल चुनाव आयोग के अधिकारी संजीव महाजन कहते हैं कि कोविड काल में दूसरे जिलों से कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। इससे अनावश्यक खर्च और बहुत बचेगा। उन्होंने बोला कि  प्रदेश की 2,758 पंचायतों की वोटर लिस्ट की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

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