इस गांव की पंचायत ने जारी किया अनोखा फरमान, कच्छा-निक्कर पहनने पर लगाई पाबंदी

इस गांव की पंचायत ने जारी किया अनोखा फरमान, कच्छा-निक्कर पहनने पर लगाई पाबंदी
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भिवानी: हरियाणा के भिवानी से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है. यहाँ गुजरानी की ग्राम पंचायत ने युवाओं के गांव में कच्छा एवं निक्कर पहनकर सरेआम घूमने पर पाबंदी लगा डाली है. ग्राम पंचायत ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि यदि कोई गांव का युवा कच्छा या कैपरी पहनकर गांव में घूमता हुआ दिखाई दिया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. भिवानी की जिस ग्राम पंचायत ने ये फरमान जारी किया है, उसकी सरपंच एक महिला है. महिला सरपंच रेणु के प्रतिनिधि ससुर सुरेश सारा कामकाज वहां देखते हैं. सुरेश कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अकसर देखने में आता था कि गांव के युवा कच्छा या कैपरी पहनकर गांव में सरेआम घूमते रहते थे, जिससे गांव की बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता था.

उन्होंने कहा कि आदेश जारी होने के पश्चात् यदि गांव में कोई पंचायत के आदेश को नहीं मानता है तो पहले उसके घर जाकर घरवालों से बात कर उन्हें चेतावनी दी जाएगी. इसके बाद भी यदि कोई व्यक्ति आदेश को मानने को तैयार नहीं होता है तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी. वही इस बारे में गांव में सरपंच के आदेश की मुनादी चौकीदार से करवा दी गई है. मुनादी में कहा गया है कि कोई भी युवक जो कच्छे या कैपरी में घूमेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. आदेश के पश्चात् से गुजरानी गांव में युवाओं ने कच्छा एवं कैपरी पहनकर घूमना बंद कर दिया है. सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कहा कि घर में गांव के युवक जैसे भी रहें. लेकिन जब वे दूसरों के घर या मोहल्ले में जाएं तो इज्जत के साथ जाएं. यदि कोई सार्वजनिक जगह पर ऐसी हालत में जाता है तो वो शोभा नहीं देता तथा महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है.

ऐसे में पंचायत ने ये आदेश पास किया है. आदेश के बाद दूसरी पंचायतों से भी उन्हें फोन आने लगे हैं एवं वे भी अपने यहां इस आदेश को लागू करने की बात कह रहे हैं. सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि गांव में घुटने से ऊपर निक्कर पहनने पर भी पाबंदी लगाई गई है. युवाओं को यदि निक्कर सरेआम पहननी है तो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहननी होगी. गुजरानी गांव की पंचायत के इस आदेश की पूरे गांव ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि कच्छा या कैपरी पहनकर घूमना हमारी सभ्यता एवं संस्कृति के खिलाफ है. गुजरानी गांव की आबादी लगभग 7 हजार है तथा इस गांव में लगभग 1250 घर हैं. गांव में बैंक से लेकर स्कूल तक हैं. इस बारे में सदर थाना प्रभारी ने बताया कि ये मामला उनके संज्ञान में नहीं हैं. गांव के इस प्रकार के फैसलों से पुलिस का कोई वास्ता नहीं होता. यदि पूरा गांव फैसले से सहमत है तो पुलिस क्या कर सकती है.

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