चंडीगढ़ : निजीकरण, विलयीकरण, नोटबंदी के दौरान किए गए अतिरिक्त काम का मुआवजा दिए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आज सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे.इस कारण हरियाणा के अंबाला, पानीपत, हिसार, यमुनानगर, करनाल, पंजाब की औद्योगिक नगरी लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, बठिंडा, चंडीगढ़ सहित देश के प्रमुख शहरों में व्यापारिक लेनदेन बुरी तरह प्रभावित हुआ. बैंक कर्मियों ने रोष रैली निकाल कर अपनी नाराजगी जताई.
बता दें कि हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने किया था. सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने उपभोक्ताओं को हड़ताल के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था. चंडीगढ़ में बैंक कर्मचारी बैंक स्क्वेयर, सेक्टर 17 में रोष रैली कर रहे हैं. रोष रैली में सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों पर विरोध जताया जा रहा है. बैंकों में हड़ताल के चलते आज दिनभर से कामकाज ठप है. एक बैंक अधिकारी के अनुसार ट्राइसिटी के बैंकों से आनलाइन व कैश ट्रांसेक्शन 10 हजार करोड़ का है.
जबकि एआई बीआई ए से जुड़े आर के गौतम और आल इंडिया स्टेट बैंक स्टाफ फेडरेशन के महासचिव संजीव बिंदलीश ने कहा कि यह हड़ताल सरकार की बैंकिंग विरोधी, श्रम सुधार, ट्रेड यूनियन के काम में बाधा डालने और सरकारी नौकरियों में कटौती करने के फैसलों के विरोध में है. मांगों की पूर्ति के लिए सरकार से बार-बार अनुरोध और वार्ता के बावजूद कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है.बैंकों के निजीकरण और विलयीकरण की प्रक्रिया बंद करने की मांग की गई है.
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