कई बेहतरीन फिल्मों जैसे गैंग्स ऑफ वासेपुर, मिर्जापुर और मसान जैसे प्रोजेक्ट्स में काम कर चुके एक्टर पंकज त्रिपाठी इन दिनों लॉकडाउन में फैंस के साथ अपने संघर्ष के किस्से साझा कर रहे हैं. जी हाँ, आपको याद हो उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि सिनेमा जैसे क्षेत्र में नाम बनाने में समय लगता है और संघर्ष के इन सालों में उन्हें कई बेहतरीन अनुभव मिले हैं. वहीं अब जो समय है उस समय में पंकज स्थापित हो चुके हैं और कई शानदार प्रोजेक्ट्स में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं.
अब हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने स्ट्रगल से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया है. जी दरअसल पंकज ने इस किस्से को फेसबुक के अपने पेज पर सुनाया. इस दौरान उन्होंने कहा, मैं अपनी पत्नी के साथ मुंबई आ चुका था और बॉलीवुड में संघर्ष करना शुरू कर दिया था. उस दौरान कास्टिंग डायरेक्टर्स नहीं होते थे और एक्टर्स को कास्ट करने के लिए प्रोफेशनल माहौल नहीं होता था. ऐसे में हमें असिस्टेंट डायरेक्टर्स और ऐसे ही फिल्म की यूनिट से जुड़े लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था.उन्होंने आगे कहा कि 'उस दौर में ना मेरे पास काम था और ना मेरी पत्नी के पास जॉब थी. तो मैंने बिना समय गंवाए ऑडिशन्स के लिए जाना शुरू कर दिया था और मेरी पत्नी भी वेकेंसी ना होने के बावजूद स्कूलों में नौकरी तलाशने जाया करती थी. चूंकि तमाम एक्टर्स प्रोडक्शन हाउस आते रहते थे तो यहां जाना आसान नहीं था और मैंने इन प्रोडक्शन हाउस में कहना शुरू कर दिया था कि मुझे ईश्वर जी ने भेजा है जिसके बाद मेरी एंट्री हो जाया करती थी.'
इसी के साथ आगे पंकज ने कहा, 'लेकिन अंदर जाकर जब मुझसे ईश्वर जी के बारे में पूछा जाता था तो मेरे पास कोई जवाब नहीं होता था और मैं ऊपर की तरफ उंगली उठा देता था. कई लोग मेरे सेंस ऑफ ह्यूमर से इंप्रेस हो जाते थे तो कई ऐसे भी थे जो फ्रस्ट्रेट हो जाते थे हालांकि मैंने यही सीखा है कि इंसान को लगातार प्रयास करते रहना चाहिए जिसके बाद आप एक ना एक दिन अपने प्रयासों में जरूर सफल होते हैं.'
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