चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से ही तमिलनाडु की राजनीति में असमंजस और उथल पुथल के हालात हैं। हालात ये हैं कि राज्य और राष्ट्रीय राजनीति के प्रमुख दल एआईएडीएमके का भी दो गुटों में विभाजन हो गया है। पार्टी दो गुटों में बंट गई है। एक गुट पार्टी की महासचिव शशिकला नटराजन के समर्थन में है तो दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम समर्थित है।
जहां एआईएडीएमके की प्राथमिक सदस्यता से पन्नीरसेल्वम को हटा दिया गया तो दूसरी ओर दूसरे गुट ने शशिकला को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया है। गौरतलब है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पन्नीरसेल्वम गुट के ई मधुसूदन ने इस मामले में बयान जारी किया था। वे पार्टी के महत्वपूर्ण नेता हैं। जब उन्होंने पन्नीरसेल्वम का समर्थन किया तो शशिकला ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था मगर फिर शशिकला ने मधुसूदन के स्थान पर केए सेंगोटियन को अध्रूख बना दिया था।
इसके साथ ही पार्टी में मजबूती से दो गुट निर्मित हो गए। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को जारी बयान में उन्होंने शशिकला को लेकर कहा था कि वे राजनीति या फिर सरकार में सम्मिलित नहीं होंगी। मगर मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद उन्होंने अपना राजनीतिक वर्चस्व बढ़ाना प्रारंभ किया और अम्मा से किया अपना वादा तोड़ दिया।
मधुसूदन ने अपील की है कि पार्टी के कार्यकर्ता शशिकला से किसी तरह का संबंध न रखें। गौरतलब है कि पार्टी के महासचिव पद पर काबिज होने के साथ ही शशिकला ने खुद मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत की। मगर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उन्हें 4 साल जेल की सजा देने के बाद उन्होंने पालानीसामी को पार्टी विधायकों का नेता चुन लिया और अब पालानीसामी को शक्तिपरीक्षण का सामना करना होगा। मगर इसी बीच दूसरे गुट ने जो कि पन्नरसेल्वम गुट का है उसने शशिकला को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
सरेंडर करने से पहले जयललिता और एमजीआर की समाधि पर पहुंची शशिकला
शशिकला ने जेल जाने से पहले की न्यायालय से सुविधाओं की डिमांड