देशभर में लगातार कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में महाराष्ट्र और केंद्र सरकार के बीच 'वैक्सीन पॉलिटिक्स' भी दिखाई दे रही है। जी दरअसल एक तरफ तो महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने बयान देते हुए कहा है कि, 'राज्य में कोरोना टीके की किल्लत हो गई है.' इस बात को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बेबुनियाद और बकवास बताया है। ऐसे में इन सबके बीच महाराष्ट्र के पनवेल में नगर निगम ने आधिकारिक सूचना जारी कर यह बताया है कि 'वैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण वैक्सीनेशन को रोका जा रहा है।'
इसके अलावा पुणे में भी टीके की कमी के चलते 109 टीकाकरण केंद्रों को बंद किया जा चुका है, हालांकि, वैक्सीन की कमी के पीछे एक सबसे बड़ी वजह यह भी है कि बीते कुछ दिनों में महाराष्ट्र ने टीकाकरण बढ़ा दिया है। वहीँ दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि पुणे जिले में बुधवार को वैक्सीन का स्टॉक न होने की वजह से 109 केंद्र बंद रहे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि पुणे के 391 केंद्रों पर बुधवार को कपल 55 हजार 539 लोगों को टीका दिया गया लेकिन हजारों लोगों को बिना टीक लिए ही वापस लौटना पड़ा क्योंकि स्टॉक खत्म हो गया था। जी दरअसल बीते बुधवार देर रात महाराष्ट्र के सतारा में भी टीके की कमी के कारण टीकाकरण को रोक दिया गया है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अभी तक यहां करीब 2.6 लाख लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। वहीँ दूसरी तरफ टीके की किल्लत की शिकायत को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन ने गैर-जिम्मेदाराना बताया है। उनका कहना है, 'यह बयान लोगों का ध्यान बांटने और उनमें दहशत फैलाने के लिए दिया गया है।' इसके अलावा डॉ. हर्षवर्द्धन ने महाराष्ट्र पर इस महामारी को लेकर उसकी विफलताएं ढंकने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।
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