हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता हैं इसके साथ ही चैत्र महीने के कृष्णपक्ष में आने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता हैं| इस बार यह एकादशी 19 मार्च यानी कल मनाई जा सकती है । वही पंचांग भेद होने के कारण कही कही 20 तारीख को भी यह व्रत रखा जा सकता है । वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता हैं कि पापमोचनी एकादशी व्रत करने से व्रती के सभी तरह के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं इस व्रत को करने से भक्तों को बड़े से बड़े यज्ञों के समान फल की प्राप्ति होती हैं |
वहीं पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से सहस्त्र अर्थात् हजारों गायों के दान के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती हैं। वही इस व्रत से ब्रह्म हत्या, सुवर्ण चोरी, सुरापन और गुरुपत्नी गमन जैसे महापापों का भी नाश हो जाता हैं। पापमोचनी एकादशी के विषय में भविष्योत्तर पुराण में विस्तार से वर्णन मिलता हैं इस व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु के चतुर्भुज रूप की आराधना की जाती हैं व्रत रखने वाले को दशमी तिथि को एक समय सात्विक भोजन करना चाहिए और भगवान का ध्यान करना चाहिए।
इसके अलावा एकादशी तिथि की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प करें। वहीं संकल्प के बाद षोड्षोपचार यानी 16 सामग्रियों से भवगान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना करनी चाहिए। वही पूजन के बाद भगवान के सामने बैठकर भगवद् कथा का पाठ करे या किसी से करवाएं। इसके साथ ही परिवार के साथ बैठकर भगवद् कथा सुनें। वही रात के समय जागरण करें।
रात को सोने से पहले कभी न करें यह काम