आज हम आपको एक ऐसी जनजाति और उनकी परंपरा के बारें में बताने जा रहें हैं, जो शायद ही अभी तक आपने कहीं सुनी होगी. देश भर में कई तरह की जनजातिया और कई अलग अलग तरह की परंपराओ को मान्यता दी जाती हैं. आपने कई सारी सुनी भी होंगी लेकिन इसा रिवाज नहीं नहीं जानते होंगे आप जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. वैसे हर किसी का समाज में रहने और अपने काम करने का एक अलग ही अंदाज या रिवाज होता हैं. बता दें इनकी अपनी संस्कृति और परंपराए होती हैं, जिनको ये मान्यता देते हैं. चलिए जानते हैं एक और ऐसी ही परंपरा के बारे में.
दरअसल, इंडोनेशिया में स्थित पापुआ प्रांत के घने जंगलों में कोरोवाई नाम की जनजाति रहती हैं. दुनिया में केवल यहीं एक जनजाति हैं, जिसे नरभक्षी कहा जाता हैं और पहली बार साल 1974 में ये जनजाति सबके सामने आई थी. इस जनजाति को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते थे लेकिन साल 1999 में इस जनजाति ने आम लोगों के साथ अपना रिश्ता खत्म कर लिया. इसके बाद वह जंगलों में पेड़ों पर रहने लगे. इंसानों से दूर रहकर ये कुछ अनोखा ही काम करते हैं.
ये सब पहले होता था, समय के साथ अब प्रजाति भी बदल गई हैं और किसी के नुकसान नहीं पहुंचाते और खुद को सुरक्षित रखने के लिए जंगल में रहते हैं. इसके अलावा अपने भगवान को पूरी आस्था से मानते हैं. बता दें यहां वेश्यावृति काफी अधिक होती थी. वैसे तो यह एक बेहद ही अजीव और हैरान कर देने वाली जनजाति हैं.
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