हैम्बर्ग : पेरिस समझौते को लेकर जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका अलग-थलग पड़ गया. इस सम्मलेन में भारत और अन्य 18 देशों ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के इस समझौते का समर्थन किया है. भारत और समूह के 18 अन्य सदस्यों ने इस समझौते को 'बदला नहीं जा सकने वाला' करार दिया. गौरतलब है कि अमेरिका ने जून में समझौते से अलग होने की घोषणा की थी. सम्मेलन के आयोजक जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि दुर्भाग्यवश अमेरिका पेरिस समझौते के खिलाफ खड़ा रहा लेकिन अन्य सभी सदस्यों ने इस समझौता का समर्थन किया है.
अमेरिका के फैसले को देखते हुए जी-20 की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि अन्य जी-20 सदस्यों के नेताओं ने सहमति जताई कि पेरिस समझौते में परिवर्तन नहीं किया जा सकता. विज्ञप्ति में भ्रष्टाचार, कर चोरी, आतंकवाद को मिलने वाली वित्तीय मदद और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई गई.
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद 'अमेरिका फर्स्ट' नीति चलते व्यापार नीति काफी विवादपूर्ण हो गई है. ट्रम्प के आने के बाद ही अमेरिका ने पेरिस समझौते से हटने का फैसला किया था.
ब्रिटिश पीएम से मिले मोदी, माल्या की वापसी के लिए मांगी मदद
G-20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने विश्व के शीर्ष नेताओं से की मुलाकात
मोदी का नारा लगाने वालों को शिवसेना ने आड़े हाथों लिया
जी-20 समूह के देशों ने आतंकी पनाहगाह खत्म करने का संकल्प लिया