नई दिल्ली : पाक-माहे-रमजान में देश के कोने-कोने में इफ्तार पार्टी का आयोजन हो रहा हैं. इसी बीच संसद भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन भी चर्चा का विषय बन गया हैं. हालांकि संसद भवन में इफ्तार का आयोजन नहीं किया जाएगा. यह फैसला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिया हैं. बता दे कि यह 10 सालों के बाद ऐसा मौका होगा जब संसद भवन में इफ्तार का आयोजन नहीं किया जाएगा. इससे पहले भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति रहते हुए भी संसद भवन में इफ्तार का आयोजन नहीं किया गया था.
ख़बरों की माने तो इसके पीछे कारण यह हैं और राष्ट्रपति कोविंद का यह मानना है कि हमारा देश भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं. राष्ट्रपति कोविंद का मानना है कि राष्ट्रपति भवन एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का प्रतीक है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वयं इस बात की पुष्टि की हैं.
बता दे कि रामनाथ कोविंद के समक्ष यह पहला मौका था, जब उनके राष्ट्रपति रहते हुए संसद भवन में इफ्तार का आयोजन नहीं किया जाएगा. इस संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सेक्रेटरी अशोक मलिक ने कहा है कि 'राष्ट्रपति भवन एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का प्रतीक हैं. धर्म और शासन के मामलों को अलग रखा जाना चाहिए. बता दे कि इसे पहले गत वर्ष दिसंबर माह में क्रिसमस के दौरान कैरोल,भी आयोजित नहीं किया गया था.
आरएसएस के मुख्यालय पर इफ्तार पार्टी पर बवाल