नई दिल्ली : लोकसभा सांसद वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने बैंकरों के साथ बैठक कर बैंकों से बढ़ते फंसे कर्ज की राशि (एनपीए) की समस्या से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा . दिसंबर 2017 तक बैंकों का एनपीए 8.31 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
बता दें कि वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति की बैंकरों के साथ हुई बैठक में इस पर भी जोर दिया गया कि सभी उद्योगपतियों को एक ही नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए . सूत्रों के अनुसार बैठक में यह कहा गया कि सभी कंपनियां जान-बूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों की श्रेणी में नहीं आतीं.
उल्लेखनीय है कि बैंकों की ओर से बैठक में एसबीआई के चेयरपर्सन रजनीश कुमार और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के एमडी सुनील मेहता मौजूद थे जिन्होंने एनपीए और बैंकिंग धोखाधड़ी के बारे में विस्तृत जानकारी दी.बैठक में एक सदस्य ने बैंकों की फंडिंग के लिए करदाताओं की राशि का उपयोग करने पर आपत्ति ली वह भी इस दशा में जब सरकारी बैंक धोखाधड़ी और कंपनियों के कर्ज नहीं लौटाने के के कारण बुरे दौर से गुजर रहे हैं.रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल भी इस माह में समिति के सामने पेश हो सकते हैं. इसके पहले वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार समिति के सामने हाजिर हुए थे.
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