अमृतसर: पंजाब के फिरोजपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गांव इच्छेवाला में एक अप्रत्याशित घटना के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया। सिख आस्था से जुड़े ग्रंथ और अन्य धार्मिक सामग्री एक बोरी में भरकर कूड़े के ढेर में पड़ी हुई पाई गई। इस घटना की खबर फैलते ही सिख समुदाय के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। जब उन्होंने बोरी को खोला, तो उसमें से धार्मिक सामग्री के साथ एक परिवार की तस्वीर भी मिली।
इस तस्वीर के आधार पर जब उस परिवार से संपर्क किया गया, तो मामला साफ हुआ। परिवार के मुखिया, धरमिंदर सिंह ने स्वीकार किया कि उसने आर्थिक तंगी के कारण दो लाख रुपये लेकर धर्म परिवर्तन कर लिया है और अब ईसाई बन गया है। उसने बताया कि पादरी के कहने पर उसने अपने घर में रखे सिख धर्म से जुड़े ग्रंथ और गुरुओं के धार्मिक चित्रों को बोरी में डालकर कूड़े में फेंक दिया।इस घटना की जानकारी मिलने पर डीएसपी सिटी सुखविंद्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए धरमिंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। वहीं, सिख समुदाय के सत्कार कमेटी के मुखिया लखबीर सिंह महालम ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मांग की कि इस कृत्य में शामिल पादरी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए।
यह घटना न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है, बल्कि समाज में धर्मांतरण के मुद्दे को भी उजागर करती है। इस घटना ने इलाके में गहरी चिंता पैदा कर दी है, और लोग धर्म परिवर्तन के पीछे के कारणों और इसके प्रभाव पर सवाल उठा रहे हैं। सिख समुदाय ने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।
धर्म से जुड़े मामलों में ऐसी घटनाएं न केवल किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में तनाव और विभाजन भी पैदा करती हैं। इस मामले में प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई के साथ-साथ सामुदायिक स्तर पर संवाद और समझ की भी आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह के विवाद टाले जा सकें।