पटना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक व हिन्दू जागरण मंच बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ. सुमन कुमार कभी पादरी हुआ करते थे, जो ईसाई धर्म का प्रचार किया करते थे। सुमन कुमार का नाम पहले पादरी राबर्ट सॉलोमन हुआ करता था। ये लोगों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराते थे। हालाँकि, जब वे संघ की विचारधारा और संघ के अधिकारियों से मिले, तो उनसे इतने प्रभावित हुए कि अपना धर्म परिवर्तन कर अपना नाम बदलकर डॉ. सुमन कुमार रख लिया और RSS के प्रचारक बन गए।
आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में आर्गेनिक रसायन में अध्ययन करने के समय ही वे पादरी बन गए थे। धर्मांतरण के कार्य को लेकर इनका 1982 से ही भारत के दक्षिण राज्य तमिलनाडु के चेन्नई में आवागमन शुरू हो गया था। रिपोर्ट के अनुसार, RSS की गतिविधियों को करीब से समझने के लिए ईसाई मिशनरियों ने 25 वर्ष की आयु में यानी वर्ष 1984 में इन्हें भारत भेजा था। वे यहाँ दो सालों में RSS के कार्यों और हिंदू चिंतन व दर्शन से इतने प्रभावित हुए कि खुद ही हिंदू धर्म अपनाने का फैसला ले लिया। इन्होंने 1986 में धर्मांतरण के बाद आर्य समाज पद्धति से हिंदू सनातन धर्म स्वीकार कर लिया और उसी साल से RSS का प्रचार करने लगे। इस दौरान उन्हें हिंदू जागरण मंच का कार्य भी सौंपा गया।
बताया जाता है कि संघ ने नया प्रयोग करते हुए ईसाई होने की वजह से इन पर विश्वास किया और वे भी RSS की विचारधारा में पूरी तरह रंग गए। सुमन कुमार को भाषा की दिक्कत को दूर करने के लिए वर्तमान अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन ने बहुत सहायता की। आज वे हिंदू जागरण मंच के उत्तर पूर्व क्षेत्र (झारखंड-बिहार) के संगठन मंत्री का दायित्व निभा रहे हैं और RSS के तृतीय वर्ष में प्रशिक्षित हैं।
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