हिमालय की वादियों के बीच एक ऐसी गुफा मौजूद है, जिसके बारे में मान्यता है कि ये पृथ्वी लोक से पाताल लोक में जाने का रास्ता है. ऐसी बातों पर आपको भी यकीन नहीं होता है लेकिन कई लोगों का ऐसा ही मानना है. इस गुफा को पाताल लोक का द्वार भी कहा जाता है. आपको बता दें, इस गुफा के बारे में महर्षि वेदव्यास जी ने स्कंद पुराण के मानसखंड 103 वें अध्याय में उल्लेख किया है. अगर आप भी जानना है तो आइये आपको बता देते हैं इसके बारे में.
दरअसल, ये गुफा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में है. टीम को यहां पहुंचने में लगभग 3 दिन का समय लगा. कई खतरनाक पहाड़ों की चढ़ाई करनी पड़ी. कठिन चढ़ाई के बाद आपको ये रास्ता मिल सकता है. समुद्र तल से 1670 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद इस गुफा तक पहुंचना आसान नहीं था. कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद हम पहुंचे अल्मोड़ा से 220 किमी दूर खूबसूरत, लेकिन खतरनाक पहाड़ों के बीच हम इस गुफा में पहुंचे. यहां की वादियां भी देखने लायक है जो आपको किसी जन्नत से काम नहीं लगती.
यहां पर चारों तरफ हरियाली और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ थे. इन पर लगातार 2 दिन सफर किया. जानकारी में सामने आया कि पहाड़ो के ये रास्ते काफी घूमे हुए और सकरे थे. इन बेहद खतरनाक रास्तों और गहरी खाइयों के फोटोज को हमारी टीम ने अपने कैमरे में कैद किए. इस गुफा के अंदर कई ऐसे रास्ते थे जिसे स्कंद पुराण कहा गया है कि ये पाताल लोक जाने के रास्ते हैं, लेकिन इन तक अभी कोई भी नहीं पहुंच सका.
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